नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार को सहयोग देने के लिए अपने वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने सहित कई अन्य मितव्ययितापूर्ण कदमों की घोषणा की. इनमें लिमोजिन वाहन की खरीद को टालने, कार्यक्रमों में अतिथियों की संख्या कम करना आदि शामिल है.
राष्ट्रपति भवन द्वारा गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, खर्च कम करने और सामाजिक दूरी की पाबंदी का पालन करने के लिये राष्ट्रपति के घरेलू यात्रा एवं अन्य कार्यक्रमों को काफी कम किया जायेगा.
इसमें कहा गया है कि एट होम एवं राजकीय आयोजन में भी अतिथियों की सूची को छोटा रखा जायेगा और इसमें खाद्य सामग्री, फूलों एवं साज सज्जा की वस्तुओं को भी कम किया जायेगा.
राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति के उपयोग में आने वाले लिमोजिन वाहन की खरीद को भी टाल दिया है, जिसका अनुमानित मूल्य 10 करोड़ रुपये है.
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति के अनुमान के अनुसान यह छोटा योगदान आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और देश को इस महामारी के खिलाफ लड़ाई की चुनौतियों से निपटने में ऊर्जा का संचार करेगा तथा विकास एवं समृद्धि की यात्रा को जारी रखेगा.
राष्ट्रपति ने अपने वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने की भी घोषणा की. भारत के राष्ट्रपति को पांच लाख रुपया प्रति माह वेतन मिलता है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि, 'ऐसे अवसरों के लिए राष्ट्रपति भवन एवं सरकार के वर्तमान संसाधनों को साझा किया जायेगा और ऐसे अवसरों के लिए उपयोग में लाया जायेगा. राष्ट्रपति भवन में मरम्मत एवं रखरखाव कार्यो को भी कम किया जायेगा जो वहां की सम्पत्ति एवं वस्तुओं को दुरुस्त रखने के लिए होता है.'
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राष्ट्रपति भवन चालू वित्त वर्ष में कोई नया पूंजीगत कार्य हाथ में नहीं लेगा और केवल पहले से जारी कार्यो को पूरा किया जायेगा.
विज्ञप्ति के अनुसार, कार्यालय में उपयोग में आने वाली वस्तुओं में भी कमी लाई जाएगी. मिसाल के तौर पर, राष्ट्रपति भवन में पर्यावरण अनुकूल कार्यालय और पेपर के दुरुपयोग को कम करने के लिए ई-प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जायेगा.
इसमें कहा गया है कि, 'ऊर्जा और ईधन को बचाने के लिए व्यवहारिक उपयोग पर जोर दिया जायेगा. राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रपति भवन को यह निर्देश कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के समय में धन एवं संसाधनों के उपयुक्त इस्तेमाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया है.
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि इन कदमों से चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रपति भवन के बजट की करीब 20 प्रतिशत राशि बचाई जा सकेगी.
अधिकारियों के अनुसार, इन कदमों से राष्ट्रपति भवन द्वारा करीब 40-45 करोड़ रुपया बचाया जा सकेगा. राष्ट्रपति भवन का सालाना बजट 200 करोड़ रुपये से अधिक है.