दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक विधान सभा में गौ हत्या विरोधी बिल 90 मिनट में पारित, विपक्ष का वॉकआउट - cow Slaughter and Cattle Bill passed in Karnataka

विपक्षी दलों के कड़े विरोध के बावजूद, कर्नाटक विधान सभा में गौ हत्या विरोधी बिल पारित हो गया. इस विवादास्पद विधेयक के पारित होने के समय विपक्ष ने कर्नाटक विधान सभा से वॉकआउट कर दिया. बिल को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया. पढ़ें विस्तार से...

Karnataka
Karnataka

By

Published : Dec 9, 2020, 6:48 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 7:12 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में गौ हत्या विरोधी बिल पारित हो गया है. विपक्ष के भारी हंगामे के बीच कर्नाटक विधान सभा में यह विधेयक पेश हुआ था. इससे पहले गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी गौ हत्या विरोधी कानून बन चुका है. विधान सभा में गौ हत्या विधेयक 4.50 बजे पेश हुआ था और करीब 6.20 तक यह विधेयक पारित हो गया.

कर्नाटक में गौ हत्या और मवेशी संरक्षण अधिनियम 1964 पहले से लागू है, लेकिन इनमें कड़े नियमों की कमी है. यही वजह है कि भाजपा सरकार ने तय किया है कि इस संबंध में नया कानून लाएगी.

मौजूदा अधिनियम के तहत अपराधी को केवल छह महीने की सजा और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा होती है, अधिनियम में बछड़े के वध पर भी प्रतिबंध है जिसकी उम्र 12 वर्ष से कम है और वधशालाओं में लाए जाने वाली गायों के परिवहन के लिए अनुमति जरूरी है. अधिनियम में कमियां होने की वजह से अपराधी आसानी से बच निकलते हैं.

सजा 6 महीने से बढ़ाकर 7 साल की
भाजपा सरकार ने 2010 में कर्नाटक पशु वध संरक्षण और मवेशी संरक्षण विधेयक 2010 और कर्नाटक गौ हत्या और संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2012 पेश किया था. पशुओं का वध रोकने के अलावा इस बिल में गौवंश में भैंस, बैल और बछड़ों को भी शामिल किया गया. इनकी हत्या पर सजा को छह महीने से बढ़ाकर सात साल किया. साथ ही जुर्माना राशि एक लाख रुपए कर दी. साथ ही पुलिस को ज्यादा अधिकार दिए गए. एक जगह से दूसरी जगह पशुओं को ले जाने के लिए पुलिस की अनुमति जरूरी है.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा यह बिल दोनों सदनों में लाए थे. राज्य विधायिका और सदन ने बिना किसी संशोधन के इसे मंजूरी दे दी लेकिन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने मंजूरी देने से मना कर दिया. केंद्र की यूपीए सरकार ने भी बिल रोके रखा.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कुछ सवाल उठाए और सुझाव भी दिए. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 2014 के विवादास्पद बिल को वापस ले लिया और कर्नाटक में गोहत्या और मवेशी संरक्षण अधिनियम -1964 को बहाल कर दिया.

गुजरात में 14 साल तक की है सजा
गुजरात में गौ वध करने पर 7 से 14 साल तक की सजा है जबकि जुर्माना एक लाख से लेकर पांच लाख तक है. पशु तस्करी पर 7 से 10 साल तक की सजा और 50 हजार से एक लाख रुपए जुर्माना होता है. साथ ही तस्करी के लिए प्रयोग होने वाला वाहन भी पुलिस जब्त कर सकती है. साथ ही अपराधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होता है.

उत्तर प्रदेश में 10 साल की सजा
यूपी में पहली बार गौ हत्या का दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा है. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर सात साल सजा और एक से तीन लाख रुपए जुर्माना या दोनों सजा. 10 साल सजा और पांच लाख रुपए जुर्माना.

Last Updated : Dec 9, 2020, 7:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details