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प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक 2020 में बदलाव करने को कैबिनेट की मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक 2020 में बदलाव करने को मंजूरी दे दी. इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन मुकदमों को शामिल करना है जो विभिन्न कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) में लंबित हैं. कैबिनेट की बैठक में अन्य कई फैसले लिए गए, जिनमें कीटनाशक प्रबंधन विधेयक व 2020 प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण बिल लाया जाना भी शामिल है. पढ़ें पूरा विवरण...

प्रकाश जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर

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Published : Feb 12, 2020, 4:20 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:34 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक 2020 में बदलाव करने को मंजूरी दे दी. इस बदलाव का उद्देश्य विधेयक का दायरा बढ़ाकर उन मुकदमों को शामिल करना है, जो विभिन्न कर्ज वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) में लंबित हैं.

प्रत्यक्ष कर से जुड़े कानूनी विवादों में कमी लाने के इरादे से यह विधेयक इस महीने की शुरुआत में लोकसभा में पेश किया गया. इसमें आयुक्त (अपील) स्तर पर, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (आईटीएटी), उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में लंबित कर विवादों को शामिल करने का प्रस्ताव है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि डीआरटी में लंबित मामलों को भी अब इसमें शामिल करने का निर्णय किया गया है.

अदालतों में नौ लाख करेाड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर मामले लंबित
केंद्रीय मंत्री ने उन्होंने कहा कि विभिन्न प्राधिकरणों और न्यायालयों में नौ लाख करेाड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर मामले लंबित हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग योजना का लाभ उठाएंगे और 31 मार्च 2020 से पहले कर विवाद का समाधान करेंगे. ऐसा नहीं होने पर उन्हें अगले वित्त वर्ष में विवादों के निस्तारण के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना होगा.

कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 लाने की तैयारी
प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि 2008 में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था, लेकिन वह संसद से पारित नहीं हो सका. उस विधेयक को वापस लेकर और स्थायी समिति की सिफारिशों एवं अन्य सुझावों पर विचार करने के बाद नए रूप में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 लाने जा रहे हैं.

जावड़ेकर ने कहा कि यह मोदी सरकार की किसानों के कल्याण के लिए एक और पहल है. इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है, जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो. विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किए गए हैं. विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है और आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कीटनाशक के बारे में किसानों को सभी प्रकार की जानकारी मिले जिसमें उसके उपयोग, उससे जुड़े खतरे आदि के बारे में इस विधेयक में प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात भी कही गई है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि गलत कीटनाशक के कारण खेती का या व्यक्ति को कोई नुकसान होता है, तब इसमें मुआवजे की भी व्यवस्था की गई है.

मछली उत्पादन के लिए आईसलैंड के साथ MoU पर हस्ताक्षर
जावड़ेकर ने कहा कि मछली उत्पादन के लिए भारत ने आईसलैंड के साथ एक महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए हैं. आईसलैंड एकमात्र ऐसा देश है, जिसका पूरा जीडीपी मछली पालन और पर्यटन से आता है. ऐसे देश से मछली का आदान-प्रदान देश के लिए लाभकारी होगा.

प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण बिल भी लाया जाएगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण बिल भी लाए जाने की तैयारी है. इससे प्रमुख बंदरगाहों की कार्यक्षमता बढ़ेगी. भारत का विभिन्न कार्यक्षेत्रों में संपर्क बढ़ेगा और तेजी से विकास होगा.

तीन साधारण बीमा कम्पनियों में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जाएगी
कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कम्पनियों में 2,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने को भी मंजूरी दी. ये तीन कम्पनियां- नेशनल इंश्यारेंस कम्पनी लि., ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी हैं.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:34 AM IST

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