दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मई के शुरू से चीन ने एलएसी पर सेना की बड़ी टुकड़ी तैनात की : विदेश मंत्रालय

भारत-चीन सीमा विवाद पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी है. 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के लिए भारत ने चीन को जिम्मेदार ठहराया.

By

Published : Jun 25, 2020, 7:38 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 9:40 PM IST

123
फोटो

नई दिल्ली :भारत ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए बीजिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि चीन मई के शुरू से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा है तथा चीनी बलों का आचरण पारस्परिक सहमति वाले नियमों के प्रति पूर्ण अनादर का रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुए घटनाक्रमों का क्रमिक ब्योरा दिया और 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा कि मई के शुरू में चीनी पक्ष ने गलवान घाटी क्षेत्र में भारत की सामान्य, पारंपरिक गश्त को बाधित करने वाली कार्रवाई की और मई के मध्य में इसने पश्चिमी सेक्टर के अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की.

श्रीवास्तव ने कहा, हमने चीन की कार्रवाई को लेकर कूटनीतिक और सैन्य दोनों माध्यमों से अपना विरोध दर्ज कराया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह का कोई भी बदलाव हमें अस्वीकार्य है.

उन्होंने कहा कि बाद में, छह जून को वरिष्ठ कमांडरों की बैठक हुई और तनाव कम करने तथा एलएसी से पीछे हटने पर सहमति बनी जिसमें पारस्परिक कदम उठाने की बात शामिल थी.

श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान और नियमों का पालन करने तथा यथास्थिति को बदलने वाली कोई कार्रवाई न करने पर सहमत हुए थे.

उन्होंने कहा, चीनी पक्ष एलएसी के संबंध में बनी इस समझ से गलवान घाटी में पीछे हट गया और उसने एलएसी के बिलकुल पास ढांचे खड़े करने की कोशिश की.

प्रवक्ता ने कहा, जब यह कोशिश विफल कर दी गई तो चीनी सैनिकों ने 15 जून को हिंसक कार्रवाई की जिसका परिणााम सैनिकों के हताहत होने के रूप में निकला. इसके बाद, दोनों पक्षों की क्षेत्र में बड़ी संख्या में तैनाती है, हालांकि सैन्य एवं कूटनीतिक संपर्क जारी हैं.

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष मई के शुरू से ही एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्धक सामग्री जुटा रहा है.

उन्होंने कहा कि यह विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है, खासकर 1993 में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हुए महत्वपूर्ण समझौते के प्रावधानों के अनुरूप.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, स्पष्ट तौर पर, भारत को भी जवाबी तैनाती करनी पड़ी और उसके बाद से तनाव स्वत: ही दिख रहा है.

मंत्रालय ने कहा कि चीनी सेना का आचरण, सभी पारस्परिक रूप से सहमत मानदंडों की पूर्ण अवहेलना कर रहा है.

दूसरी तरफ मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि एच-1बी वीजा पर ट्रंप प्रशासन के फैसले का भारतीय उद्योग पर प्रभाव का आकलन किया जा रहा.

हाल ही में नेपाल ने नए नक्शे को पारित किया है. इस मुद्दे पर अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और कुछ भी जोड़ना नहीं चाहते हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने नेपाल के कदम को अस्थिर करार दिया था और कहा था कि नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का कृत्रिम रूप से विस्तार साक्ष्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है.

Last Updated : Jun 25, 2020, 9:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details