नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय खाद्य संस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अब खाद्य संस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
बादल ने कहा कि मेरे फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने इसे पार्टी की नौटंकी करार दिया.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ढींडसा ने कहा कि मैं लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल से जुड़ा था और मैंने प्रकाश सिंह बादल के साथ भी काम किया है. अगर शिरोमणि अकाली दल वास्तव में किसानों को लेकर चिंतित था तो यह इस्तीफा तब क्यों नहीं आया, जब कैबिनेट में इसकी चर्चा की गई.
उन्होंने कहा कि यह फैसला पंजाब में किसान आंदोलन से खुद को बचाने के लिए शिरोमणि अकाली दल की नौटंकी है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस निर्णय का 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों पर कोई प्रभाव पड़ेगा. इस पर ढींडसा ने कहा कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लोग शिरोमणि अकाली दल के बारे में जानते हैं.
बिल के विरोध में पंजाब कांग्रेस के विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है.
ईटीवी से विशेष बातचीत करते हुए नागरा ने कहा कि मैंने फतेहगढ़ साहिब से विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया है. यह मेरा निजी फैसला है और मैं किसी भी तरह से इतिहास का हिस्सा नहीं बनना चाहता था.
हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर नागरा ने कहा कि जब कैबिनेट ने इन अध्यादेशों का मसौदा तैयार किया तो अकाली दल ने विरोध नहीं किया. अब जब बिल पास हो जाते हैं, तो कोई बात नहीं.
किसान की बेटी, बहन के तौर पर उनके साथ खड़ी हूं
उन्होंने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया कि उन्होंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.
उन्होंने आगे बताया कि किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.