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स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के लिए बने अध्‍यादेश को राष्‍ट्रपति की मंजूरी

कोरोना के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमले को ध्यान में रखते हुए महामारी रोग अधिनियम,1897 में संशोधन किया गया है. अब इस अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी से मिल गई है.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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Published : Apr 23, 2020, 7:53 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 महामारी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले एक अध्यादेश को बुधवार को अपनी मंजूरी दी.

महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करके इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को पहुंचे जख्म तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी.

अध्यादेश के अनुसार ऐसा हिंसक कृत्य करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक उस पर जुर्माना लगेगा.

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इसके अलावा अपराधी को पीड़ित को मुआवजा भरना होगा तथा उसे संपत्ति को पहुंचे नुकसान के लिए उसके बाजार मूल्य का दोगुना भुगतान करना होगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों तथा संपत्ति की रक्षा के लिए महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 की उद्घोषणा को मंजूरी दी.

Last Updated : Apr 23, 2020, 9:19 PM IST

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