नोएडा : कोरोना काल में इलाज के अभाव में हुई गर्भवती महिला की मौत की घटना ने राजनीतिक रूप ले लिया है. इस क्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर तंज कसा है. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
अखिलेश यादव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'उप्र में प्रसव के लिए अस्पताल खोजते-खोजते एक गर्भवती महिला की मृत्यु अति दुखद है.'
अखिलेश ने आगे लिखा 'सरकार यह बताए कि अगर वो कोरोना के लिए एक लाख बेड के इंतज़ाम का दावा करती है तो आनेवाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेड आरक्षित क्यों नहीं रखे. भाजपा सरकार ये भी बताए कि उसने अब तक कितने अस्पताल बनाए हैं.'
दूसरी ओर प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, कोरोना महामारी के दौरान सरकार को नॉन कोविड बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत गंभीरता से लेना होगा. इस संदर्भ में किसी भी चूक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
प्रियंका ने लिखा कि नोएडा में एक गर्भवती महिला के साथ हुआ जानलेवा हादसा एक चेतावनी है. एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि यूपी सरकार को पूरी तैयारी करनी चाहिए, जिससे किसी की जान न जाए.
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
नोएडा के जिलाधिकारी सुहास एल. वाई. ने इस पूरे मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक अहोरी को सौंप दी है. जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस मामले में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.
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आठ माह की गर्भवती ने तोड़ा दम
दरअसल, कोरोना के भय की वजह से ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं, जब अस्पताल ने मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है. इस मामले में ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को नीलम नामक एक गर्भवती महिला की प्रसव के लिए अस्पताल ढूंढने के दौरान मौत हो गई थी.
नीलम के पति विजेंदर सिंह के मुताबिक उन्होंने कुछ सरकारी अस्पतालों समेत आठ चिकित्सालयों के दरवाजे खटखटाए, लेकिन सभी ने उनकी पत्नी को प्रसव के लिए भर्ती करने से इनकार कर दिया.