श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 खत्म करने के नौ महीने बाद गैर-स्थानीय ठेकेदारों को कश्मीर में स्थित झेलम नदी में रेत खनन का काम सौंपा है. यह पहली बार है कि जब जम्मू- कश्मीर में कोई गैर-स्थानीय व्यक्ति रेत या अन्य खनन पट्टे का काम प्राप्त कर रहा है. अनुच्छेद 370 के तहत बाहरी लोगों को इसकी इजाजत नहीं थी.
श्रीनगर जिले में 10 गैर-स्थानीय ठेकेदारों को झेलम नदी के बालू खनन का ठेका दिया गया है. संयुक्त निदेशक भूविज्ञान और खनन इम्तियाज खान ने ईटीवी भारत को बताया कि टेंडर की नियुक्ति पिछले साल सितंबर के दौरान ऑनलाइन रखी गई थी.
उन्होंने कहा, 'हमने पिछले साल ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. कई स्थानीय ठेकेदारों ने निविदा के लिए आवेदन किया और यह सभी के लिए खुला था. उन्होंने कहा कि अधिकांश ठेके अन्य राज्यों के ठेकेदारों को मिल गए हैं.'
वहीं सूत्रों के मुताबिक स्थानीय लोगों को कॉन्ट्रैक्ट में से केवल 30 प्रतिशत का हिस्सा मिला है.
गौरतलब है कि खनन पट्टे का काम केवल पांच साल के लिए होगा. लेकिन इससे स्थानीय लोगों में डर पैदा हो गया है, लोगों का कहना है कि इससे उनकी आमदनी का साधन उनसे छिन गया है.