दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारत-चीन की सेनाओं के बीच अगले हफ्ते कोर कमांडर स्तर की वार्ता की संभावना

पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत होने की संभावना है. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच पांच सूत्री समझौते के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया.

-Corps Commander level talks next week
भारत-चीन की सेनाओं के बीच अगले हफ्ते कोर कमांडर स्तर की वार्ता की संभावना

By

Published : Sep 11, 2020, 11:09 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की बातचीत होने की संभावना है. इस वार्ता में दोनों देशों के बीच पांच सूत्री समझौते के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया.

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच गुरुवार की शाम हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ. जयशंकर और वांग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर मॉस्को में मुलाकात की.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना के रुख पर करीबी नजर रखेगी और देखेगी कि वह जयशंकर-वांग के बीच वार्ता में बनी सहमति के आधार पर तनाव कम करने के लिए कितनी गंभीर है.

दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामले संबंधी सभी मौजूदा समझौतों और नियमों का पालन करेंगे, शांति बनाए रखेंगे तथा किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचेंगे, जो तनाव बढ़ा सकती है.

हालांकि, इस समझौते में सैनिकों के पीछे हटने और शांति-सौहार्द्र बहाल करने के लिए समय सीमा का जिक्र नहीं किया गया है.

यह भी पता चला है कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने सेना के मुख्यालय में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ समझौते के प्रावधानों के साथ ही लद्दाख में समग्र स्थिति पर विचार-विमर्श किया.

सूत्रों ने बताया कि गतिरोध वाले स्थानों पर तनाव कम करने के मकसद से शुक्रवार को सुबह ग्यारह बजे से दोपहर तीन बजे तक चुसूल में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई .

एक सूत्र ने बताया कि अगले सप्ताह की शुरुआत में कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने की संभावना है . इसमें निश्चित तौर पर सीमा विवाद के समाधान पर नए समझौते पर भी चर्चा होगी .

यह पांच सूत्री समझौता ऐसे वक्त हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में चार महीने से चले आ रहे तनाव के बीच गत सोमवार को एलएसी पर दोनों सेनाओं के बीच फिर से गतिरोध हुआ, जिसका आरोप दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाया. ताजा टकराव के बाद दोनों पक्षों ने एलएसी पर विवाद वाले सभी स्थलों पर बड़ी संख्या में सैनिक और भारी अस्त्र-शस्त्र तैनात कर दिए .

भारतीय सेना और चीन की सेना के बीच मई की शुरुआत से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास कई स्थानों पर तनावपूर्ण गतिरोध बना हुआ है.

कोर कमांडर स्तर के बीच पांच दौर की वार्ता में भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर दिया है. दोनों पक्षों के बीच छह मई से गतिरोध शुरू हुआ था.

सूत्रों ने कहा कि भारत पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा को लेकर जरा भी ढिलाई नहीं बरतेगा और जमीनी स्तर पर बदलाव नजर आने तक पूरी तरह तैयार रहेगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी पांच सूत्री समझौते पर शुक्रवार को विचार-विमर्श किया.

बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह तथा अन्य अधिकारी शामिल थे.

बैठक में पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर इस सप्ताह के शुरू में दोनों पक्षों के बीच हुए ताजा टकराव के मद्देनजर सुरक्षा परिदृश्य की समग्र समीक्षा भी की गई.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि जयशंकर-वांग की वार्ता में भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन द्वारा बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और सैन्य साजो सामान की तैनाती का मामला उठाया और अपनी चिंता जताई.

सूत्रों ने बताया कि चीनी पक्ष बलों की तैनाती के लिए विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दे सका.

भारतीय सेना ने पिछले कुछ दिनों में पैंगोंग सो क्षेत्र में कई रणनीतिक चोटियों पर अपना दबदबा मजबूत किया है जहां से चीन के ठिकानों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है.

सूत्रों ने कहा कि फिंगर-4 इलाके में मौजूद चीनी सैनिकों पर लगातार नजर रखने के लिए पर्वत चोटियों और सामरिक ठिकानों पर भारतीय सेना ने अतिरिक्त बल भेजे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details