दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

सेंसेक्स 600 अंकों से अधिक की बढ़त के साथ खुला, बरकरार नहीं रह सकी तेजी

कारोबारियों के मुताबिक निवेशक मंगलवार रात घोषित 21 दिन के लॉकडाउन के आर्थिक प्रभावों का आंकलन कर रहे हैं. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक अभूतपूर्व कठोर फैसले के तहत मोदी ने मंगलवार आधी रात से 21 दिन तक देशव्यापी पूर्ण बंदी का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी की.

photo
फोटो

By

Published : Mar 25, 2020, 2:59 PM IST

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए कठोर उपायों के तहत 21 दिन की देशव्यापी पूर्ण बंदी की घोषणा के बीच शेयर बाजार में प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स बुधवार को शुरुआती कारोबार में 600 अंकों से अधिक बढ़त के साथ खुला, लेकिन बाजार अपनी ये बढ़त बरकरार नहीं रख सका.

इस बीच दुनिया भर में इस महामारी से लड़ने के प्रयासों से एशियाई बाजार में देखी देखने को मिली. कारोबारियों ने कहा कि हालांकि दुनिया भर में बंदी के असर से निवेशक चिंतित हैं.

शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 625.41 अंकों की तेजी दर्ज करने के बाद खबर लिखे जाने तक 157.91 अंक या 0.59 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,516.12 पर कारोबार कर रहा था.

इसी तरह एनएसई निफ्टी 30.30 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7,770.75 पर कारोबार कर रहा था.

सेंसेक्स की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे अधिक सात फीसदी की बढ़त देखने को मिली. इसके अलावा नेस्ले इंडिया, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी, पावरग्रिड और एचयूएल में भी तेजी रही. दूसरी ओर इंडसइंड बैंक, आईटीसी, एलएंडटी और आईसीआईसीआई बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयर थे.

कारोबारियों के मुताबिक निवेशक मंगलवार रात घोषित 21 दिन के लॉकडाउन के आर्थिक प्रभावों का आंकलन कर रहे हैं. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक अभूतपूर्व कठोर फैसले के तहत मोदी ने मंगलवार आधी रात से 21 दिन तक देशव्यापी पूर्ण बंदी का ऐलान किया था. इसके साथ ही उन्होंने इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी की.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार के अनुसार 21 दिन की बंदी लागू करना एक बड़ी चुनौती है. सभी घरों में आपूर्ति सुनिश्चित करना आसान नहीं है, लेकिन ऐसा करना जरूरी है. इसके चलते अर्थव्यवस्था को अस्थायी रूप से एक बड़ा झटका लगेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details