जयपुर : राजस्थान में जारी राजनीतिक असमंजस के माहौल के बीच बीच एक बार फिर राजस्थान एसओजी की टीम मानेसर पहुंची है. वहीं आज कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि परिवार का मामला परिवार में बैठकर ही सुलझेगा, मीडिया में बयानबाजी करने से नहीं. उन्होंने कहा कि सबसे पहले पायलट जी और उनके विधायकों को भाजपा की मेहमाननवाजी अस्वीकार करनी चाहिए. सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा सरकार हमारे विधायकों की मेहमाननवाजी में लगी है, यह अपने आप में चौंकाने वाला है.
विधायक भंवरलाल के नाम का होटल के रजिस्टर में एसओजी को नहीं मिला है. इन सबके बीच एक बार फिर राजस्थान एसओजी की टीम मानेसर के होटल कंट्री क्लब पहुंची है. टीम का नेतृत्व आईपीएस विकास शर्मा कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि रिजॉर्ट में कुछ विधायकों के होने की सूचना है. वहीं एसओजी की करीब आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारी और पुलिस के जवान पहुंचे होटल पहुंचे है. एसओजी टीम के अलावा हरियाणा के मानेसर और बिलासपुर थाने की पुलिस भी है. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में जांच कर रही कि राजस्थान एसओजी ने एक बार फिर से विधायक भंवर लाल शर्मा की तलाश में मानेसर पहुंच कर पड़ताल करना शुरू किया है. एसओजी की आठ सदस्यी दो टीम मानेसर में दो अलग-अलग होटल में प्रकरण को लेकर विधायक भंवरलाल शर्मा की तलाश में जुटी हुई है.
इसके साथ ही 10 जुलाई को एसओजी द्वारा जो एफआईआर नंबर 47 दर्ज की गई थी. उस मामले में पूछताछ के लिए बांसवाड़ा के कुशलगढ़ के एक स्थानीय भाजपा नेता से पूछताछ करने के लिए नोटिस भेजा गया है.
सुरजेवाला ने सचिन पायलट से हुई कांग्रेस की बातचीत के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'आधा दर्जन से ज़्यादा बार पार्टी ने सचिन पायलट से वापस आकर अपनी बात रखने के लिए कहा.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति के दो वरिष्ठ सदस्यों ने आठ बार पायलट से बात की है.
बकौल सुरजेवाला, 'कांग्रेस पार्टी के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दो से तीन बार सचिन पायलट से यही अनुरोध किया है.पार्टी से बागी हुए विधायक एक परिवार के हिस्सा हैं. '
राजस्थान में विधायकों के फोन टैपिंग पर गृह मंत्रालय की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव होम से मांगी गई रिपोर्ट के जवाब को लेकर अवकाश का दिन होने के बावजूद भी तीन घंटे से भी अधिक मंथन हुआ. सचिवालय में हुई बैठक में जवाबी रिपोर्ट तैयार हो गई है. अब इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा. रिपोर्ट में क्या कुछ जवाब लिखा गया है, इसको गोपनीय रखा गया है. इससे जुड़े हुए अधिकारी किसी भी तरह से कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रही सियासी उठा पटक के बीच शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह से फोन टैपिंग को लेकर रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूछा है कब से विधायकों की फोन टैपिंग की जा रही है. फोन टेपिंग की ठोस वजह क्या थी. क्या इसको लेकर सभी आवश्यक नियमों का पालन किया गया है. इन सभी सवालों के जवाब के लिए मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह रविवार के दिन भी सचिवालय पहुंचकर रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे.
राष्ट्रपति शासन की मांग
बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान के सियासी घटनाक्रम को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी. इस पर भाजपा का कहना है कि ये मायावती की पीड़ा है, लेकिन साथ में यह भी कहा कि भाजपा की अब इस तरह की कोई मांग नहीं है और भविष्य की परिस्थितियों को देखते हुए आगे कुछ निर्णय लिया जाएगा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पहले भी गहलोत सरकार ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में विलय करवाया था. उसी तरह इस बार भी सरकार ने वही कृत्य किया, जिसकी पीड़ा बसपा सुप्रीमो मायावती को है और इसी पीड़ा में उन्होंने प्रदेश में राज्यपाल से राष्ट्रपति शासन लागू करवाने आदि की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल, बीजेपी की इस तरह की कोई भी मांग नहीं है. भविष्य में पार्टी मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार ही आगे का कोई निर्णय लेगी लेकिन फिलहाल तमाम घटनाक्रमों पर बीजेपी की पूरी नजर है.