दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

J-K: हलचल तेज, सियासत गर्म, गवर्नर का महत्वपूर्ण बयान - home ministry jammu kashmir advisory

केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर से अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के वापस लौटने की एडवाइजरी पर सियासत तेज हो गई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि ये फैसला क्यों लिया गया है. वहीं, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने पूरे विपक्ष से सरकार के खिलाफ साथ आने की अपील की है. पढ़ें क्या है कश्मीर का पूरा मामला....

सत्यपाल मलिक और अमित शाह. (डिजाइन फोटो)

By

Published : Aug 3, 2019, 5:48 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 7:52 PM IST

नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू कश्मीर को लेकर राजनीतिक पारा अचानक ही गर्म हो गया है. गृह मंत्रालय ने पर्यटकों को वापस लौटने की एडवायजरी जारी कर दी. अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती हो गई है. इसके बाद वहां की सियासी पार्टियों ने आपस में मिलकर रणनीति बनाने की बात कही है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम लोगों को केन्द्र पर दबाव बनाना चाहिए और उन्हें यह कहना चाहिए कि राज्य में आप जैसा चाहें, वैसा नहीं कर सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर की अफवाहों पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि उन्होंने दिल्ली सभी से बातच की लेकिन किसी ने भी ऐसे कोई संकेत नहीं दिए कि हम ऐसा कुछ करेंगे. किसी का कहना है कि राज्य तीन भागों में बंटने वाला है. कोई आर्टिकल 35 ए, धारा 370 के बारे में बात कर रहे हैं...लेकिन प्रधानमंत्री या गृह मंत्रालय किसी ने भी मुझसे इस बारे में चर्चा नहीं की.

सत्यपाल मलिक का बयान

नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने भी राज्य के हालात पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने आज गवर्नर सत्यपाल मलिक से मुलाकात की. बाद में अब्दुल्ला ने कहा कि सबकुछ सामान्य है, यह यकीन दिलाया गया है.

सत्यपाल मलिक ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल को बताया कि राज्य को संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह आश्वासन दिया कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती विशुद्ध रूप से सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम है.

पढ़ें-उमर की मांग, J-K पर संसद में स्थिति साफ करे सरकार

राजभवन की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा स्थिति इस तरह से पैदा हुई है जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी.

राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया, 'अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों को विश्वसनीय जानकारी मिली थी. नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ा दी गई जिसका सेना ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया.'

उन्होंने कहा कि सेना के कोर कमांडर और राज्य पुलिस द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन की गई थी जिसमें उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के नापाक मंसूबे को कैसे नाकाम किया गया और साथ ही उन्होंने बरामद किए गए हथियार एवं गोला-बारूद भी दिखाए.

पढ़ें-अमरनाथ यात्रा पर आतंकी साया, श्रद्धालुओं को J-K से लौटने का सुझाव

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों में किसी तरह के बदलाव के बारे में राज्य को कोई जानकारी नहीं है और इसलिए सैनिकों की तैनाती के इस सुरक्षा मामलों को अन्य सभी प्रकार के मामलों के साथ जोड़ कर बेवजह भय नहीं पैदा किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करें। इसलिए, एहतियाती उपाय के तौर पर यत्रियों और पर्यटकों को लौटने के लिए कहा गया है.

राज्यपाल ने राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा है कि वे अपने समर्थकों से शांत रहने और घाटी में 'बढ़ा-चढ़ा कर फैलाई गई अफवाहों' पर विश्वास न करने के लिए कहें.

कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि हमारे राज्य में कुछ ऐसा हो गया कि सालों बाद मीडिया के पास आना पड़ा. सत्तर साल सार्वजनिक जीवन में हो गया. जो कल हुआ कभी नहीं. यह क्या हो रहा है. छड़ी मुबारक कभी नहीं रुका. क्या वह भी रुकेगा. पर्यटक ही कश्मीर की ताकत हैं, ये क्या हो रहा है..हम अच्मभित हैं. इतनी फौज क्यों.

पढ़ें-सरकार की एडवाइजरी से लोगों में डर, पर्यटकों को लौटने के लिए कभी नहीं कहा गया : कांग्रेस

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हर सरकार में घटनाएं हुईं. किसी सरकार ने इस तरह का फैस्ला नहीं लिया एडवायजरी का, जो इस सरकार ने लिया. यहां लोग यकायक परेशान कर दिए गए. आम मजदूर बाहरी हैं. सब वापस आ रहे है. कॉलेज के बच्चे भयभीत हैं. 30 साल पहले यही गलती जगनमोहन काल में हुई, तब भी बीजेपी के सहयोग से वीपी सिंह की सरकार थी. पंडित वहां से भागे, वापस नहीं गए. सरकार वही गलती दोहरा रही है.

Last Updated : Aug 3, 2019, 7:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details