हैदराबाद : देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की स्थापना की. इसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के लोगों से इस फंड में सहायता राशि दान करने की अपील की.
पीएम मोदी के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी पीएम केयर्स फंड में दान के लिए लोगों से आग्रह किया. इसके बाद इस फंड में आम जनता से लेकर कलाकार, खिलाड़ी, उद्योगपति, शासकीय-निजी कर्मचारी सभी दान देने लगे और महज एक सप्ताह में ही 6,500 करोड़ से अधिक राशि एकत्रित हो गई.
पीएम केयर्स फंड को कई संगठनों और व्यक्तियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली. कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने भी इसमें योगदान दिया. वहीं भारत की आम जनता के मन में यह सवाल उठ रहा है कि राजनीतिक दलों ने कोरोना से लड़ने के लिए क्या किया. इस फंड में कितना अनुदान दिया. गरीब प्रवासी मजदूरों के लिए क्या किया? आइए पीएम केयर्स फंड से जुड़े आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं...
पीएम केयर्स फंड में 6,500 करोड़ रुपये का दान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) की घोषणा की. इस राहत कोष से कोरोना और भविष्य में आने वाली महामारियों से लड़ा जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए लोगों से पीएम केयर्स फंड में अनुदान करने की अपील की.
प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को इस फंड की घोषणा की. इस राहत कोष के गठन के बाद एक सप्ताह में ही 6,500 करोड़ से अधिक रुपये इस फंड में जमा हो गए.
यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 के बीच में प्राप्त 2,119 करोड़ रुपये के संयुक्त सार्वजनिक दान से तीन गुना ज्यादा है. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री राहत कोष के खाते से सामने आई.
इस अवधि में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) का कुल व्यय 1,594.87 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2019 के अंत में इस कोष में करीब 3,800 करोड़ रुपये शेष थे.
500 रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये तक का दान
30 मार्च को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोरोना लड़ाई से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड में 500 करोड़ रुपये का दान दिया. इसके अतिरिक्त रिलायंस ने गुजरात और महाराष्ट्र सीएम राहत कोष में पांच-पांच करोड़ रुपये दान किए.
रिलायंस ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए 100 बेड का अस्पताल भी बनाने के लिए कहा. कंपनी प्रतिदिन एक लाख मास्क का निर्माण कर रही है. रिलायंस जरूरतमंदों के लिए सुरक्षात्मक समान और खाना की भी व्यव्स्था कर रही है.
वहीं टाटा समूह और टाटा ट्रस्ट ने इस महामारी से लड़ने के लिए 1,500 करोड़ रुपये दान देने का वादा किया है. 31 मार्च को टाटा कंपनी ने ट्विटर पर बताया कि वह इसी राशि में से 500 करोड़ रुपये पीएम केयर्स फंड में दान कर रही है. साथ ही टाटा ने कहा कि हम हमेशा की तरह पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और राष्ट्र के समर्थन के लिए एकजुट हैं.
आदित्या बिड़ला ग्रुप ने भी इस महामारी से लड़ने के लिए 500 करोड़ का दान दिया है, जिसमें से चार सौ करोड़ रुपये कंपनी ने पीएम केयर्स फंड में दान दिया. वृहन्मुंबई नगर निगम के साथ साझेदारी में, बिड़ला ग्रुप ने मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल में 100 बेड अस्पताल बनाया.
कंपनी ने अन्य उपायों के अलावा उज्जैन, पुणे, हजारीबाग और रायगढ़ जैसे शहरों में कोरोना प्रभावित मरीजों के लिए 200 बिस्तरों वाली इकाइयों की स्थापना करेगी.
अडानी और डी-मार्ट समूह ने भी पीएम केयर्स फंड में 100-100 करोड़ का योगदान दिया.
अभिनेता अक्षय कुमार ने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये और भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने राहत कोष में 32 लाख रुपये का दान दिया.
इसके अतिरिक्त आम जनता ने भी इस फंड में सहयोग राशि दी. ट्विटर उपयोगकर्ता सैयद अताउर रहमान ने पीएम केयर्स फंड में 501 रुपये का दान दिया. उन्होंने ट्विटर पर दान की रसीद साझा करते हुए लिखा, 'कोरोना वायरस से लड़ने के लिए छोटा सा दान...'
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि यहां पर कुछ भी छोटा और बड़ा नहीं है. प्रत्येक दान मायने रखता है. यह कोविड-19 को पराजित करने के हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है.
भारत में राजनीतिक पार्टियों की आय
एक तरफ सभी पीएम केयर्स फंड में अपना सहयोग दे रहे हैं, लेकिन राजनीतिक दलों ने पीएम केयर्स फंड में कोई सहयोग राशि नहीं दी.
भाजपा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-2019 के दौरान पार्टी को 2410.08 करोड़ रुपये चंदा मिला था. इसमें से 41.71 फीसद (1,005.33 करोड़ रुपये) खर्च किया गया है. जबकि 58.29 फीसद रुपये खर्च नहीं हुए हैं.
कांग्रेस पार्टी को इस वित्तीय वर्ष में 918.03 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे. इस दौरान पार्टी ने 469.92 करोड़ खर्च किए, जो कुल आय की 51.19 फीसदी राशि थी.