दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

70 सालों से भारत- पाकिस्तान में बनी हुई है राजनीतिक अस्थिरता : प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज जयपुर में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ राजस्थान शाखा और सीएसडीएस की ओर से आयोजित एक दिवसीय सेमिनार उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ना तो एक्सीडेंटल है और ना ही ब्रिटिश सरकार का तोहफा है, बल्कि यह हिंदुस्तान की आवाम की ताकत है.

सेमिनार को संबोधित करते प्रणब मुखर्जी

By

Published : Aug 1, 2019, 11:19 PM IST

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में हुए एक सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के लगभग आधे लोगों ने किसी भी पार्टी को चाहे कांग्रेस हो फिर भाजपा हो किसी को मत नहीं दिया. लेकिन जिन्होंने मत नहीं दिया उन्हें भी साथ में लेकर चलना होगा.

इस दौरान प्रणब मुखर्जी ने देश के इतिहास, संविधान और लोकतंत्र प्रणाली पर प्रकाश डाला और कहा कि आजादी के बाद जब देश के संविधान का गठन हुआ तब हर पहलू का ध्यान रखा गया. मुखर्जी के अनुसार 17 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अभी भी किसी दल को 50 फीसदी मत नहीं मिले. इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री कार्यकाल का भी जिक्र किया. प्रणब मुखर्जी के अनुसार पड़ोसी मुल्क हमारे साथ आजाद हुआ, लेकिन वहां आज भी राजनीतिक अस्थिरता बनी है.

सेमिनार को संबोधित करते प्रणब मुखर्जी

पढ़ें- निर्भया केस में स्मृति इरानी ने भेजी थी चूड़ियां, आज किसे भेजेंगी : उन्नाव केस पर कांग्रेस

जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं : गहलोत
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सेमिनार को संबोधित किया. गहलोत ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उन्होंने प्रणब मुखर्जी से खुद का पुराना नाता बताया और कहा कि वह उनके लिए हमेशा प्रेरणा दाई रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आज भी चुने हुए जनप्रतिनिधि केवल सड़क, बिजली, पानी, और ट्रांसफर-पोस्टिंग में ही उलझ कर रह जाते हैं. जबकि इस सेमिनार और वरिष्ठ जनों के सानिध्य में विधायिका का मूल स्वरूप समझ में आता है.

राजस्थान में पहली बार हुआ आयोजन, ये हुए शामिल...
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का आयोजन राजस्थान में पहली बार हुआ है. इसमें राजस्थान विधानसभा के सदस्य और पूर्व सदस्य, मीडिया, एनजीओ और अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details