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राजस्थान का सियासी संकट गहराया, कांग्रेस के कुछ विधायक मानेसर पहुंचे

सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि शनिवार की शाम राजस्थान के कई विधायक हरियाणा में गुरुग्राम के मानेसर से सटे स्थित आइटीसी ग्रैंड भारत होटल पहुंच गए. खबर यह भी है कि देर रात कुछ और विधायक यहां आ सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

security outside ITC Hotel in Manesar Gurugram
मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल

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Published : Jul 12, 2020, 1:20 PM IST

Updated : Jul 12, 2020, 4:34 PM IST

गुरुग्राम : राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच हरियाणा में मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल चर्चा का केंद्र बना हुआ है. सूत्रों के अनुसार राजस्थान के कुछ विधायक इस होटल के अंदर मौजूद हैं. होटल के बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है. आने-जाने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है.

मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड भारत होटल की सुरक्षा बढ़ाई गई.

सूत्रों का कहना है कि शनिवार की शाम राजस्थान के कुछ विधायक मानेसर के आईटीसी ग्रैंड भारत होटल पहुंच गए. देर रात कुछ और विधायकों के आने की खबर थी. हालांकि होटल प्रबंधन की ओर से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई.

बताया जा रहा है कि सियासी समीकरण बदले तो ठहरे हुए विधायक भी होटल छोड़ सकते हैं. फिलहाल विधायकों के आते ही पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई. होटल से करीब पांच सौ मीटर पहले बेरिकेड्स लगा दिए हैं. पुलिस पीसीआर भी होटल के गेट के सामने तैनात है.

कपिल सिब्बल ने भी जताई चिंता
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी राज्य कांग्रेस में व्याप्त संकट पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'हमारी पार्टी को लेकर चिंतित हूं. क्या घोड़ों के हमारे अस्तबल से निकल जाने के बाद ही हम जागेंगे?'

कपिल सिब्बल का ट्वीट.

राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बना होटल आईटीसी ग्रैंड भारत
सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीआईडी के कई पुलिस अधिकारी भी होटल के आसपास देखे गए. विधायकों के आने से आईटीसी ग्रैंड भारत होटल एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मियाें का केंद्र बिंदु बन गया है. मार्च महीने में मध्य प्रदेश के कई कांग्रेसी विधायक यहां पर ठहरे थे. बीजेपी पर कांग्रेस के नेताओं को यहां लाने का आरोप लगा था. इसी होटल से कमलनाथ की सरकार को अल्पमत में लाने की पटकथा लिखी गई थी.

क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि जून में राज्य से हुए राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) से गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक एवं भाजपा के पास 72 विधायक हैं. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है.

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इधर, गहलोत समर्थकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी आलाकमान तक यह संदेश पहुंचाया था कि पायलट सहयोग नहीं कर रहे हैं. पायलट समर्थक कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी में नहीं आ रहे हैं. खबर यह भी है कि सचिन पायलट बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

बाड़ाबंदी की खबरों का विधायक चेतन डूडी ने किया खंडन
प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी की खबरों का विधायक चेतन डूडी ने खंडन किया है. डीडवाना विधायक डूडी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मेरी जानकारी में कोई बाड़ाबंदी थी ही नहीं. मेरे पास कोई ऐसा फोन नहीं आया कि किसी बाड़ाबंदी में आना है.

बाड़ाबंदी की खबरों का विधायक चेतन डूडी ने किया खंडन

चेतन डूडी ने कहा कि कांग्रेस को जब जरूरत होगी, हम हाजिर होंगे, लेकिन मेरे पास ना तो कोई फोन आया, ना ही हमें किसी भी स्तर पर बुलाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में था और कल रात को ही वहां से रवाना होकर सुबह जयपुर पहुंचा हूं. उन्होंने कहा कि मैं अपने पुरखों की और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप चलता हूं. उन सब ने कांग्रेस पर विश्वास जताया है. मैं पूर्णतया कांग्रेसी हूं...यहां तक की सौ टका कांग्रेसी हूं.

उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी का बीजेपी पर निशाना
राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री आवास हॉटस्पॉट बना हुआ है. जहां रविवार को सबसे पहले उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी सीएम हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. वहीं, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी का बीजेपी पर निशाना

चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है. सरकार और संगठन ने मिलकर जिस प्रकार राज्यसभा चुनाव में परिणाम दिया, ठीक उसी तरह दोनों एकजुट होकर आगामी चुनाव में भी रिजल्ट देंगे. उन्होंने बीजेपी पर जुबानी तीर छोड़ते हुए कहा कि बीजेपी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होगी. बीजेपी को राजस्थान में कुछ भी नहीं मिलने वाला है और कांग्रेस की सरकार पूरे 5 साल रहेगी. यहां भी भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी. बीजेपी के चाहे केंद्र के नेता हों या फिर प्रदेश के, जिस प्रकार की घिनौनी हरकत करके लोकतंत्र के अंदर सरकार गिराने का प्रयास चल रहा है वो राजस्थान के अंदर कामयाब नहीं होगी.

Last Updated : Jul 12, 2020, 4:34 PM IST

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