नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा स्थिति को लेकर देश के शीर्ष रक्षा और विदेशी मामलों के अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के साथ बैठक की. एनएसए अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत बैठक का हिस्सा थे. बैठक के दौरान मोदी यह जानना चाहते थे कि गतिरोध को कैसे समाप्त किया जाए और इस मुद्दे को कैसे हल किया जाए.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव बना हुआ है और वह एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. इसे देखते हुए मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक अहम बैठक की. बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली. इसमें राजनाथ सिंह को चीनी सैनिकों की लामबंदी के लिए भारतीय प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी गई. इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने शीर्ष सूत्रों के हवाले से बताया कि भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर के बीच गत 22 और 23 मई को LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास निर्दिष्ट बिंदुओं पर एक साथ मिले. एएनआई सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति को टालने का प्रयास किया.
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की एक अहम बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि भारतीय सेना मजबूती के साथ डटी रहेगी और साथ ही स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए बातचीत जारी रहेगी.
बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि सड़क निर्माण जारी रहना चाहिए और भारतीय किलेबंदी और सेना की तैनाती चीनियों से मेल खानी चाहिए.
इससे पहले भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न स्थिति को हल करने के लिए कई बैठकें कीं. हालांकि सोमवार तक इसमें कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी है.
सूत्रों ने कहा कि पिछली बैठक रविवार को हुई थी, लेकिन कई बातें अनसुलझी रहीं. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद होने वाली और कमांडर स्तर की वार्ता से मुद्दों को हल करने की संभावना है.
सूत्रों ने कहा कि अब तक जमीनी स्तर पर सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत के पांच दौर हो चुके हैं, हालांकि इसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया.
भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'अभी कोई सफलता नहीं मिली है.' उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति सामान्य हो जाएगी, लेकिन भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने निर्माण कार्य जारी रखेगी.