नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने एचडीआईएल के प्रवर्तकों-राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी.
बंबई उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.
लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एस.ए.बोबडे की अगुआई वाली पीठ के समक्ष इस मामले को रखा. पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर.गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे.
मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना दोनों को जमानत देने जैसा होगा.उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की उच्चतम न्यायालय से मांग की.
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मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रवर्तकों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है. उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रवर्तकों की सम्पत्तियों की बिक्री से संबंधित आवास को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
उच्चतम न्यायालय ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और दोनों आरोपियों के आर्थर रोड जेल से उनके आवास में स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी.