नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई व अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीच सबमेरीन केबल प्रणाली का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. बता दें कि इस प्रणाली के तहत दो स्थानों के बीच दूरसंचार सिग्नलों के आदान-प्रदान के लिए समुद्र में केबल बिछायी जाती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अड़मान निकोबार द्वीपसमूह को देश की मुख्य भूमि के साथ तीव्र गति के आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ने की परियोजना का उद्घाटन करते हुये देश में जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटवर्क को मजबूत और व्यापक बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज भारत खुद को वैश्विक विनिर्माण, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के बड़े केन्द्र के रूप में स्थापित करने में जुटा है.
प्रधानमंत्री ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के साथ बेहतर संचार सुविधा स्थापित करने के लिये चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर बिछाये गये आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) का उद्घाटन करने के मौके पर यह बात कही. यह परियोजना 1,224 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने ही 30 दिसंबर 2018 को परियाजना का शिलान्यास किया था.
मोदी ने कहा, भारत आज हिंद प्रशांत क्षेत्र में व्यापार- कारोबार और सहयोग की नई नीति पर चल रहा है, तब अंडमान-निकोबार सहित हमारे तमाम द्वीपों का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.’’
वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज जब भारत आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, खुद को वैश्विक विनिर्माण केंद्र, वैश्विक आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में स्थापित करने में जुटा है, तब जलमार्गों और बंदरगाहों के नेटर्क को मजबूत बनाने की जरूरत है.
गहरे समुद्र की तलहटी में बिछाई गई करीब 2,300 किलोमीटर लंबी यह केबल पोर्ट ब्लेयर के साथ ही क्षेत्र के अन्य द्वीपों, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी इस ब्राडबैंड सुविधा से जोड़ेगा.