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पीएम मोदी बोले- अरुण जेटली सर्वमित्र थे, सर्वप्रिय थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए कहा कि उनके मन में एक बोझ हमेशा बना रहेगा कि वे जेटली के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए.

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Published : Sep 10, 2019, 6:56 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 3:56 AM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि वो कभी सोचे भी नहीं थे कि कभी ऐसा दिन भी आएगी के उन्हें अपने दोस्त (अरुण जेटली) को श्रद्धांजलि देने के लिए आना पड़ेगा.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.

पीएम मोदी ने अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी.

पीएम ने कहा कि पिछले दिनों अरुण जी के लिए जो लिखा गया है, उनके लिए जो कहा गया है और अभी भी अनेक महानुभावों ने जिस प्रकार से अपनी स्मृतियों को यहां ताजा किया है इस सबसे अनुभव कर सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना विशाल था, कितनी विविधताओं से भरा हुआ था.
कभी सोचा नहीं था कि कभी ऐसा भी दिन आएगा कि मुझे मेरे दोस्त को श्रद्धांजलि देने के लिए आना पड़ेगा. इतने लंबे कालखंड तक अभिन्न मित्रता और फिर भी मैं उनके अंतिम दर्शन नहीं कर पाया, मेरे मन में इसका बोझ हमेशा बना रहेगा.

वे सर्वमित्र थे, वे सर्वप्रिय थे और वे अपनी प्रतिभा, पुरुषार्थ के कारण जिसको जहां भी उपयोगी हो सकते थे, वे हमेशा उपयोगी होते थे.

पीएम मोदी ने कहा कि अरुण जेटली लंबे समय तक बीमार थे, लेकिन आखिरी दिन तक अगर उनसे सामने से पूछा जाए तो भी, वे अपनी बात बताने में या अपने स्वास्थ्य के बारे में बताने में समय खर्च नहीं करते थे.
उनका मन-मतिष्क हमेशा देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए रम गया था. यही उनकी ऊर्जा, उनका सामर्थ्य था.

पीए मोदी ने आगे जेटली को याद करते हुए कहा कि अरुण जेटली का जीवन इतनी विविधताओं से भरा हुआ था कि दुनिया की किसी भी नवीनतम चीज की बात निकालिये, वो उसका पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते थे, उनके पास जानकारियों का भंडार था
छात्र राजनीति की नर्सरी में पैदा हुआ पौधा हिंदुस्तान की राजनीति के विशाल फलक में एक वट वृक्ष बनकर उभर आए ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है.

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प्रतिभा को एक निश्चित दिशा में ढाल करके उन्होंने हर काम में एक नई ऊर्जा और एक नई सोच दी. हम सबने कुछ न कुछ खोया है, अरुण जी की उत्तम स्मृतियों से प्रेरणा लेते हुए हम सभी कुछ न कुछ देश और समाज के लिए करने के एक भी अवसर को नहीं जाने देंगे.

Last Updated : Sep 30, 2019, 3:56 AM IST

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