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असम में बाढ़ : पीएम मोदी ने लिया स्थिति का जायजा, राज्य में अब तक 110 मौतें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर कर राज्य में बारिश व बाढ़ से उपजी स्थिति का जायजा लिया है. गौरतलब है कि असम में बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. राज्य में मरने वालों की संख्या 110 हो गई है. इसमें भूस्खलन से हुईं 26 मौतें भी शामिल हैं. राज्य में 25 जिलों के 27.30 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और फसलें तबाह हो गई हैं.

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असम बाढ़

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Published : Jul 19, 2020, 10:08 AM IST

Updated : Jul 19, 2020, 4:27 PM IST

गुवहाटी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिन में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात की और राज्य में बारिश व बाढ़ से उपजी स्थिति की जानकारी ली. पीएम ने मुख्यमंत्री को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया.

इस बीच राज्य में बाढ़ से तीन और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 84 तक पहुंच गई है. वहीं भूस्खलन में 26 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस प्रकार बाढ़ व भूस्खलन से राज्य में अब तक 110 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से 25 जिलों में 27.30 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं जबकि फसलें तबाह हो गई हैं.

असम बाढ़

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बाढ़ संबंधी अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि दो व्यक्तियों की मौत बारपेटा में और एक व्यक्ति की मौत दक्षिण सालमारा जिले में हुई. इसमें बताया गया कि इस बार बरसात के मौसम में काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 प्रतिशत हिस्सा भी बाढ़ में डूब गया है, जिससे 108 पशुओं की जान चली गई.

मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने बताया कि बाढ़ प्रबंधन को लेकर कोई समस्या नहीं है क्योंकि बाढ़ एवं कोविड-19 के लिए सरकारी कर्मचारियों के अलग-अलग दलों को तैनात किया गया है. वहीं असम राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

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धुबरी जिले में बाढ़ से सर्वाधिक 4.69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं. बुलेटिन में बताया गया कि कम से कम 2,678 गांव अभी जलमग्न हैं और 1,16,404 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है.

आपादा प्रबंधन की टीम ने पिछले 24 घंटे में अबतक 511 लोगों को बचाया है. बाढ़ की वजह से तकरीबन 2678 गांव डूब गए हैं और 1,16,404 हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं.

अधिकारियों बताया कि 21 जिलों में 649 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित 47,465 लोगों ने शरण ले रखी है.

अधिकारियों ने चावल, दाल, नमक और सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य राहत सामग्री जैसे तिरपाल, बेबी फ़ूड, मोमबत्ती, माचिस, मच्छरदानी, बिस्किट, साबुन, पीने का पानी, पशुओं का चारा, मास्क और गेहूं का चोकर वितरित किया है.

गोलपारा उपायुक्त वरनाली डेका ने शनिवार को जिले के खरमूजा गांव पंचायत के अंतर्गत आने वाले रामहरखार, नकलियापारा चार, कतलामारी चार, बरविता, सोनहारा और विभिन्न राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.

Last Updated : Jul 19, 2020, 4:27 PM IST

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