नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (10 अगस्त) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यलय ने ट्विटर पर सबमरीन केबल के उद्घाटन से संबंधित जानकारी दी है.
यह सबमरीन केबल पोर्ट ब्लेयर को स्वराज ट्वीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोर्टा, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड और रंगट से भी जोड़ेगी. इससे देश के अन्य हिस्सों के साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेज और अधिक विश्वसनीय मोबाइल व लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं मिल सकेंगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को पोर्ट ब्लेयर में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी.
उद्घाटन के बाद सबमरीन केबल लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2 x 200 गीगाबिट्स प्रति सेकंड (Gbps) बैंडविड्थ तथा पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2 x 100 Gbps बैंडविड्थ प्रदान करेगी. इन द्वीपों में विश्वसनीय, मजबूत और उच्च गति वाले दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सुविधाएं पहुंचाना उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण के साथ-साथ रणनीतिक और शासन कारणों से एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. इससे 4जी मोबाइल सेवा में भी बड़ा सुधार होगा, जो उपग्रह से प्रदान की गई सीमित बैंडविड्थ के कारण बाधित थी.
यह भी पढ़ें-चीन से निबटने को लेजर गाइडेड बमों से लैस किए जाएंगे हेरॉन ड्रोन
उन्नत दूरसंचार और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से द्वीपों में पर्यटन और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और जीवन स्तर में वृद्धि होगी. बेहतर कनेक्टिविटी से टेली-मेडिसिन और टेली-एजुकेशन जैसी ई-गवर्नेंस सेवाओं के वितरण में भी आसानी होगी. ई-कॉमर्स में अवसरों से छोटे उद्यमों को फायदा होगा, जबकि शिक्षण संस्थान ई-लर्निंग और नॉलेज शेयरिंग के लिए बैंडविड्थ की बढ़ी हुई उपलब्धता का उपयोग करेंगे. मध्यम और बड़े उद्यम भी बेहतर कनेक्टिविटी के लाभों को प्राप्त करेंगे.
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने पूरा किया है, जबकि टेलीकॉम कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड तकनीकी सलाहकार हैं. लगभग 1224 करोड़ रुपये की लागत से 2300 किलोमीटर सबमरीन केबल बिछाई गई है और यह परियोजना समय से पूरी हो गई है.