पटना: केवल प्रदेश ही नहीं देशभर से जन प्रतिनिधियों की अनदेखी और उदासीन रवैए की खबर आती है. इन सभी के लिए सीतामढ़ी जिले की सिंहवाहिनी पंचायत मुखिया रितु जायसवाल एक मिसाल हैं. आदर्श पंचायत बनाने वाली सिंहवाहिनी की महिला मुखिया रितु को उनके सराहनीय कार्यों के लिए 'दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण' पुरस्कार से नवाजा जा रहा है.
रितु जायसवाल साल 2016 में सोनबरसा प्रखंड के सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया बनीं. उन्होंने बतौर मुखिया पंचायत के विकास के लिए कई काम किए. इसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिलने जा रहा है. इससे पहले साल 2018 में उन्हें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी 'चैंपियंस ऑफ चेंज' अवार्ड से सम्मानित किया था.
तीन सालों में क्षेत्र का किया कायापलट
मुखिया को सम्मान मिलने से ग्रामीणों में भी काफी खुशी है. वह बताते हैं कि आजादी के 70 सालों तक गांव में कुछ नहीं था. ग्रामीणों ने पक्की सड़क तक नहीं देखी थी. जब रितु बतौर मुखिया यहां आईं तो उन्होंने गांव की रुपरेखा ही बदल दी. महज तीन वर्षों के अंदर रितु ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत इस पंचायत की तस्वीर और तकदीर बदल कर रख दी है.
बायोगैस पहुंचाने की तैयारी
ग्रामीण कहते हैं कि पहले जहां लोग पगडंडियों पर चलने को मजबूर थे, आज वहां सड़कों का जाल बिछा है. यह पंचायत ओडीएफ है. यहां बायोगैस सिस्टम भी लगाया गया है. जिससे पाइपलाइन के जरिए पंचायत के 75 घरों में बायोगैस पहुंचाई जाएगी. साथ ही हर चौक-चौराहे और गलियों में सोलर सिस्टम से पंचायत को रौशन कर दिया गया है.
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महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद
इस पंचायत की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी मुखिया रितु जायसवाल ने बहुत कुछ किया है. उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायत में तीन जगह पर सेनेटरी पैड बैंक की स्थापना की है. यहां सस्ते दरों पर सेनेटरी पैड नहज पांच से 10 रुपये में मुहैया कराए जा रहे हैं. वहीं तीन सिलाई केंद्र भी खोले गए हैं. नर्सिंग कोर्स और मैनेजमेंट के पढ़ाई की व्यवस्था भी कराई गई है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट भी मुहैया कराई जा रही है.