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रो-पैक्स नौका सेवा की शुरुआत, पीएम बोले- समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर हो रहा तेज काम

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Published : Nov 8, 2020, 7:51 AM IST

Updated : Nov 8, 2020, 1:45 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारंभ कर रो पैक्स नौका सेवा को हरी झंडी दिखाई. यह जलमार्गों के उपयोग और उन्हें देश के आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने के प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में एक अहम कदम है.

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अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात में हजीरा और घोघा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरी झंडी दिखाई. इस सेवा से समुद्री मार्ग के जरिये दूरी 370 किलोमीटर से घटकर 90 किलोमीटर होने की उम्मीद है. इससे समय और ईंधन की बचत होगी और राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में पर्यावरण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

रो-पैक्स नौका सेवा की शुरुआत

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा आज घोघा और हजीरा के बीच रो-पैक्स सेवा शुरु होने से, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात, दोनों ही क्षेत्रों के लोगों का बरसों का सपना पूरा हुआ है, बरसों का इंतजार समाप्त हुआ है. उन्होंने कहा, गुजरात में रो-पैक्स फेरी सेवा जैसी सुविधाओं का विकास करने में बहुत लोगों का श्रम लगा है, अनेक कठिनाइयां रास्ते में आई हैं. मैं उन सभी साथियों का आभारी हूं, उन तमाम इंजीनियर्स का, श्रमिकों का आभार व्यक्त करता हूं, जो हिम्मत के साथ डटे रहे.

आज गुजरात में समुद्री कारोबार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर तेजी से काम चल रहा है. जैसे गुजरात मेरीटाइम क्लस्टर, गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय, भावनगर में सीएनजी टर्मिनल, ऐसी अनेक सुविधाएं गुजरात में तैयार हो रही हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का प्रयास, घोघा-दहेज के बीच फेरी सर्विस को भी जल्द फिर शुरू करने का है. इस प्रोजेक्ट के सामने प्रकृति से जुड़ी अनेक चुनौतियां सामने आ खड़ी हुई हैं. उन्हें आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

समुद्री व्यापार-कारोबार के लिए एक्सपर्ट तैयार हों, ट्रेंड मैनपावर हो, इसके लिए गुजरात मेरीटाइम यूनिवर्सिटी बहुत बड़ा सेंटर है. आज यहां समुद्री कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून की पढ़ाई से लेकर मैरीटाइम मैनेजमेंट, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में एमबीए तक की सुविधा मौजूद है.

उन्होंने कहा कि सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाने पर दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में आज भी ज्यादा खर्च होता है. वॉटर ट्रांसपोर्ट से कॉस्ट ऑफ लॉजिस्टिक्स को कम किया जा सकता है. इसलिए हमारा फोकस एक ऐसे इकोसिस्टम को बनाने का है जहां कार्गो की सीमलेस मूवमेंट हो सके.

लॉजिस्टिक्स पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए अब देश मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. कोशिश ये है कि रोड, रेल, एयर और शिपिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की आपस में कनेक्टिविटी भी बेहतर हो और इसमें जो सीलोस आते हैं, उनको भी दूर किया जा सके.

सूरत जिले में हजीरा और सौराष्ट्र के भावनगर में घोघा को जोड़ने वाले तीन-डेक रो-पैक्स नौका पोत वोएज सिम्फनी की भार क्षमता 30 ट्रकों,100 यात्री कारों और 500 यात्रियों और 34 चालक दल और आतिथ्य कर्मचारियों की हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह घोघा और हजीरा के बीच की दूरी को 370 किमी से घटाकर 90 किमी कर देगा. कम कार्गो यात्रा का समय 10 से 12 घंटे से लेकर लगभग चार घंटे तक कर देगा.

नौका सेवा, हजीरा-घोघा मार्ग पर प्रतिदिन तीन चक्कर लगाती है, जो सालाना लगभग पांच लाख यात्रियों, 80,000 यात्री वाहनों, 50,000 दोपहिया और 30,000 ट्रकों का परिवहन करेगी.

केंद्रीय जहाजरानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने बताया कि मोदी इस सेवा को डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाएंगे, जिसके बाद सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में स्थित दोनों स्थलों के बीच यात्रियों और भारी वाहनों की आवाजाही शुरू होगी.

मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार की सेवाओं को हरी झंडी दिखाएंगे.

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उन्होंने कहा कि हजीरा में एक टर्मिनल का निर्माण किया गया है और सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. यह सेवा आठ नवंबर को आरंभ होगी और टिकटों की बुकिंग कल (सोमवार) से आरंभ हो जाएगी.

टर्मिनल में कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन जैसी कई सुविधाएं

हजीरा में शुरू किए जा रहे रो-पैक्स टर्मिनल की 100 मीटर लंबाई और 40 मीटर चौड़ाई है, जिस पर अनुमानित रूप से 25 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस टर्मिनल में प्रशासनिक कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वाटर टॉवर जैसी कई सुविधाएं हैं.

Last Updated : Nov 8, 2020, 1:45 PM IST

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