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उद्योग जगत के साथ वृद्धि की राह पर लौटने का मंत्र साझा करेंगे प्रधानमंत्री - वृद्धि की राह पर लौटने का मंत्र

सीआईआई के 125वें वार्षिक सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को संबोधित करेंगे. वह इस संबोधन में भारतीय उद्योग जगत के साथ देश को आर्थिक वृद्धि की राह पर लाने का मंत्र साझा करेंगे. जानें विस्तार से...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

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Published : May 31, 2020, 10:50 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित करेंगे. वह इस संबोधन में भारतीय उद्योग जगत के साथ देश को आर्थिक वृद्धि की राह पर लाने का मंत्र साझा करेंगे. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी.

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन ऐसे समय में होने जा रहा है, जब लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के साथ ही कंपनियां परिचालन शुरू करने लगी हैं और कारखाने खुलने लगे हैं. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लागू किया, जो कि चार चरणों में 31 मई तक चला.

उद्योग मंडल सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री सीआईआई के वार्षिक सत्र में उद्घाटन भाषण देंगे. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाला यह कार्यक्रम सीआईआई की स्थापना के 125 साल पूरा होने का भी अवसर है. उद्योग संगठन की स्थापना 1895 में हुई थी.

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सीआईआई के 125वें वार्षिक सत्र की मुख्य विषय वस्तु 'गेटिंग ग्रोथ बैक' यानी वृद्धि की राह पर लौटना है. दिनभर चलने वाले इस आभासी कार्यक्रम में पिरामल समूह के चेयरमैन अजय पिरामल, आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव पुरी, बायोकॉन की सीएमडी किरण मजुमदार शॉ, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार, कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सीआईआई के नामित अध्यक्ष उदय कोटक और सीआईआई के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर जैसे कॉरपोरेट जगत के शीर्ष प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.

गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में आठ जून से 'अनलॉक -1' की शुरुआत होगी, जिसके तहत लॉकडाउन की बहुत सारी पाबंदियों को समाप्त किया गया है, जो नयी ढीलें दी गयी हैं, उनमें शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को खोलना शामिल है. हालांकि, संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों में 30 जून तक सख्त पाबंदियां लागू रहेंगी.

विभिन्न रेटिंग एजेंसियों और अर्थशास्त्रियों ने कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के कारण भारत के सकल घरेलू उत्पाद में भारी गिरावट का अनुमान लगाया है.

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