नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए दुर्गा पूजा के अवसर एक विशेष शुभेच्छा संदेश दिया. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य में दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत के मौके पर लोगों को 'पूजोर शुभेच्छा' (पूजा की शुभेच्छा) कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री ने संदेश दिया. प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में महाषष्ठी से दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत के मौके पर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से सोनार बांग्ला के संकल्प को पूरा करने का आहृवान किया और कहा कि इससे राज्य की समृद्ध और संपन्न विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि बंगाल के लोगों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए निरंतर काम हो रहा है. केंद्र सरकार ने पूर्वोदय का मंत्र अपनाया है, पूर्वी भारत के विकास के लिए निरंतर फैसले लिए हैं. पूर्वोदय के इस मिशन में पश्चिम बंगाल को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. मुझे भरोसा है कि पूर्वोदय का केंद्र बनकर पश्चिम बंगाल जल्द ही एक नई दिशा की तरफ बढ़ेगा.
उन्होंने आगे कहा कि महिषासुर का वध करने के लिए माता का एक अंश ही पर्याप्त था, लेकिन इस कार्य के लिए सभी दैवीय शक्तियां संगठित हो गई थीं. वैसे ही नारी शक्ति हमेशा से सभी चुनौतियों को परास्त करने की ताकत रखती है. ऐसे में सभी का दायित्व है कि संगठित रूप से सभी उनके साथ खड़े हों. भाजपा के विचार यही है, संस्कार यही है और संकल्प भी यही है. इसलिए देश में आज महिलाओं के सशक्तिकरण का अभियान तेज गति से जारी है.
रेप की सजा से जुड़े कानूनों को बहुत सख्त किया गया है, दुराचार करने वालों को मृत्युदंड तक का प्रावधान हुआ है. भारत ने जो नया संकल्प लिया है- आत्मनिर्भर भारत के जिन अभियान पर हम निकले हैं, उसमें भी नारी शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है.
22 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खोलना हो या फिर मुद्रा योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को आसान ऋण देना हो. चाहे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान हो या फिर तीन तलाक के खिलाफ कानून हो. देश की नारीशक्ति को सशक्त करने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है.
ये बंगाल की ही धरती थी जिसने आजादी के आंदोलन में स्वदेशी को एक संकल्प बनाने का काम किया था. बंगाल की ही धरती से गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी ने आत्मनिर्भर किसान और आत्मनिर्भर जीवन का संदेश दिया था.
प्रधानमंत्री के संबोधन के कुछ अहम बिंदु :
- बंगाल की माटी को अपने माथे से लगाकर जिन्होंने पूरी मानवता को दिशा दिखाई, उन श्री रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभु, श्री ऑरोबिंदो, बाबा लोकनाथ, श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, मां आनंदमयी को मैं प्रणाम करता हूं.
- बंगाल की भूमि से निकले महान व्यक्तित्वों ने जब जैसी आवश्यकता पड़ी, शस्त्र और शास्त्र से, त्याग और तपस्या से मां भारती की सेवा की है.
- दुर्गा पूजा का पर्व भारत की एकता और पूर्णता का पर्व भी है. बंगाल की दुर्गा पूजा भारत की इस पूर्णता को एक नई चमक देती है, नए रंग देती है, नया श्रृंगार देती है. ये बंगाल की जागृत चेतना का, बंगाल की आध्यात्मिकता का, बंगाल की ऐतिहासिकता का प्रभाव है.
- जब आस्था अपरम्पार हो, मां दुर्गा का आशीर्वाद हो, तो स्थान, स्थिति, परिस्थिति, से आगे बढ़कर पूरा देश ही बंगालमय हो जाता है.
- पश्चिम बंगाल के मेरे भाइयों और बहनों आज भक्ति की शक्ति ऐसी है, जैसे लग रहा है कि मैं दिल्ली में नहीं लेकिन आज मैं बंगाल में आप सभी के बीच उपस्थित हूं.
संबोधन से पहले पश्चिम बंगाल के लोगों ने पीएम का स्वागत शंख बजाकर किया.