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युवा भारत को बचाने के लिए लगाया गया ई-सिगरेट पर बैन : PM मोदी

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Published : Sep 29, 2019, 6:17 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 12:00 PM IST

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ई-सिगरेट के बारे में यह गलत धारणा फैलाई गई है कि इससे कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के लिए ये बेहद खतरनाक है. पीएम ने लोगों से तंबाकू का नशा छोड़ने की अपील की और कहा कि युवाओं को नए नशे की लत से बचाने के लिए 'ई-सिगरेट' पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से तंबाकू का नशा छोड़ने की अपील की. साथ ही उन्होंने बताया कि युवाओं को नशे के नये तरीके से बचाने के लिए 'ई-सिगरेट' पर प्रतिबन्ध लगाया गया है.

गौरतलब है, केंद्रीय कैबिनेट ने इसी महीने एक अध्यादेश के जरिये ई-सिगरेट की बिक्री, उत्पादन और भंडारण पर एक अध्यादेश के जरिये प्रतिबंध लगा दिया था.

इसके बाद इससे जुड़े स्वास्थ्य नुकसान के बारे में प्रधानमंत्री की यह पहली टिप्पणी है. संसद के आगामी सत्र में इस अध्यादेश को एक विधेयक में तब्दील किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम में अपने संबोधन में यह भी कहा कि ई-सिगरेट के बारे में यह गलत धारणा फैलाई गई है कि इससे कोई खतरा नहीं है.

उन्होंने कहा कि सामान्य या परंपरागत सिगरेट की तरह यह (ई-सिगरेट) दुर्गंध नहीं फैलाता क्योंकि इसमें खुशबू पैदा करने वाले रसायन डाले गये होते हैं. लेकिन ये रसायन नुकसानदेह होते हैं और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ई-सिगरेट के बारे में कोई भी गलतफहमी नहीं पालें.' उन्होंने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध का जिक्र करते हुए कहा चर्चा चलती रहेगी, समर्थन और विरोध भी जारी रहेगा. लेकिन यदि किसी चीज को तेजी से फैलने से पहले रोक दिया जाता है, तब बड़ा फायदा होता है.

उन्होंने कहा, 'ई-सिगरेट पर प्रतिबन्ध इसलिए लगाया गया है कि नशे का यह नया तरीका हमारे युवा देश को तबाह न कर सके. यह किसी परिवार के सपनों को रौंद न डाले. बच्चों की जिंदगी बर्बाद न हो जाए. ये व्यसन, ये आदत समाज में जड़े न जमा सके.'

मोदी ने कहा, 'सिगरेट से होने वाले नुकसान के बारे में कोई भ्रम नहीं है. यह नुकसान पहुंचाता है. धूम्रपान करने वाला और इसे बेचने वाला जानता है कि इससे क्या नुकसान होता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन ई-सिगरेट का मामला बिल्कुल अलग है. ई-सिगरेट के बारे में लोगों में बहुत कम जागरूकता है. वह इसके खतरे से भी पूरी तरह से अनजान हैं और इस कारण कभी-कभी जिज्ञासा के चलते ई-सिगरेट के नशे की लत पड़ जाती है.'

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प्रधानमंत्री ने लोगों से तंबाकू का नशा छोड़ने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि ई-सिगरेट निकोटिन की लत पड़ने का एक नया तरीका है. उन्होंने कहा, 'जैसे कि कोई मैजिक शो चल रहा हो, बच्चे कभी-कभी अपने माता पिता की मौजूदगी में सिगरेट जलाए बगैर या माचिस की तीली जलाये बगैर धुआं निकाल देते हैं.'

उन्होंने कहा, 'परिवार के सदस्य तालियों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं. कोई जागरूकता नहीं है. कोई जानकारी नहीं है...हमारे किशोर या हमारे युवा...इस नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि सामान्य सिगरेट से अलग ई-सिगरेट में निकोटिन युक्त तरल पदार्थ को गर्म करने से एक प्रकार का रसायन युक्त धुंआ बनता है. इसमें नुकसानदायक रसायन होते हैं और लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है.

उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन करने वालों को कैंसर, मधुमेह, ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है. हर कोई कहता है कि ऐसा उसमें मौजूद निकोटिन के कारण होता है. किशोरावस्था में इसके सेवन से दिमाग भी प्रभावित होता है.

उन्होंने कहा, 'आइये, हम सब मिलकर एक स्वस्थ भारत का निर्माण करें. ' सरकार ने 18 सितंबर को ई-सिगरेट और इस तरह के उत्पादों के उत्पादन, आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे लोगों, खासतौर पर युवाओं के स्वास्थ्य के खतरे का जिक्र करते हुए यह कदम उठाया गया.

ई-सिगरेट के भंडारण पर छह महीने तक की कैद की सजा या 50 हजार रुपये तक का जुर्माना या एक साथ दोनों सजाओं का प्रावधान है. इस सिलसिले में 19 सितंबर को अध्यादेश जारी किया गया था.

Last Updated : Oct 2, 2019, 12:00 PM IST

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