नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत की. कोरोना लॉकडाउन में अपने राज्य लौटे श्रमिकों की बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार यह खास अभियान करने जा रही है.
पीएम मोदी ने मजदूरों के लिए शुरू की रोजगार योजना, 116 जिलों को मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 116 जिलों में यह अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा. हमारा प्रयास है कि इस अभियान से श्रमिकों को उनके घर के पास ही रोजगार मिल सके. पढे़ं खबर विस्तार से...
पीएम मोदी
जानें प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु :
- आप काम पर निकलें, लेकिन मेरा ये अनुरोध है कि जरूरी सावधानी भी रखें. मास्क लगाने का, गमछा या चेहरे को कपड़े से ढकने का, स्वच्छता का, और दो गज की दूरी के नियम का पालन करना न भूलें.
- आप सावधानी बरतेंगे तो आपका घर और गांव संक्रमण के खतरे से बचा रहेगा.
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान से आपके इस आत्मसम्मान की सुरक्षा भी होगी, और आपके श्रम से आपके गांव का विकास भी होगा.
- बीते 6 वर्षों से लगातार चल रहे इन सभी प्रयासों का एक ही उद्देश्य है, हमारा गांव, हमारा गरीब अपने दम पर खड़ा हो, सशक्त हो.
- हमारे किसी गरीब, मजदूर, किसान को किसी के सहारे की जरूरत ना पड़े.
- आपके गांवों के पास, कस्बों और छोटे शहरों में स्थानीय उपज से अलग अलग उत्पाद बने, पैकिंग वाली चीजें बने, इसके लिए उद्योग समूह बनाए जाएंगे. इसका बहुत बड़ा लाभ किसानों को होने जा रहा है.
- हमने किसानों से भेदभाव वालों नियमों को खत्म कर दिया है. अब किसान अपने राज्य के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है, और किसी भी बाजार में बेच सकता है. अब आप अपनी उपज का अच्छा दाम देने वाले व्यापारियों, कंपनियों से सीधे जुड़ सकते हैं, उन्हें सीधे अपनी फसल बेच सकते हैं.
- पहले का समय तो आपको याद ही होगा. पैसा ऊपर से चलता तो था, आपके नाम से ही चलता था, लेकिन आप तक आता नहीं था. अब यह सब बदल रहा है. आपको सरकारी दुकान से अनाज की दिक्कत न हो इसके लिए ‘एक देश एक राशन कार्ड योजना भी शुरू की गई है.
- आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी. इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए. इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है.
- सभी श्रमिकों, आप सभी के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है. गांव में ही आपके हुनर की पहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके.
- आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा.
- आप श्रमेव जयते, श्रम की पूजा करने वाले लोग हैं, आपको काम चाहिए, रोजगार चाहिए. इस भावना को सर्वोपरि रखते हुए ही सरकार ने इस योजना को बनाया है, इस योजना को इतने कम समय में लागू किया है.
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है.
- कितना ही टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है. देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी.
- 'मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कुछ श्रमिक साथियों से ही मिली. मैंने मीडिया में लॉकडाउन में एक उन्नाव की एक खबर देखी. वहां एक स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बनाया था. वहां रहने वाले श्रमिकों की रंगाई पुताई में मास्टरी थी. उन्होंने स्कूल का अपने-अपने हुनर से कायाकल्प कर दिया.'
- बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 116 जिलों में यह अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा. हमारा प्रयास है कि इस अभियान से श्रमिकों को उनके घर के पास ही रोजगार मिल सके.
- मेरे श्रमिक साथियों, देश आपकी भावनाओं को भी समझता है और आपकी जरूरतों को भी. आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोजगार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है.
- इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं. वह अपनी मेहनत और हुनर से अपने गांव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं. वह जब तक अपने गांव में हैं, अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं, अपने गांव को कुछ देना चाहते हैं.
- आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है.आज गरीब कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है. यह अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए.
- ग्राउंड पर काम करने वाले हमारे साथी, ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर्स, जीविका दीदी, इन सभी ने बहुत बेहतरीन काम किया है. यह सभी वाहवाही के पात्र हैं, प्रशंसा के पात्र हैं.
- हमारे देश में भी कई ऐसे लोग हैं जो आपकी पीठ नहीं थपथपाएंगे. कोई पीठ थपथपाए या न थपथपाए, मैं आपकी जय-जयकार करता हूं. आपने अपने हजारों-लाखों लोगों को कोरोना से बचाने का पुण्य किया है. मैं आपको आदरपूर्वक नमन करता हूं.
- छह लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब 80-85 करोड़ लोग जहां रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है.
- कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे. भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है.
- आज गांव के आप सभी लोगों से बात करके मुझे कुछ राहत भी मिली है और संतोष भी. जब कोरोना का संकट बढ़ना शुरु हुआ था तो राज्य और केंद्र सरकार को आपकी चिंता बनी हुई थी. हमने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई. आज आपकी बातों में जो सम्मान का भाव था, वो मैं महसूस कर रहा था.
- लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि यह पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है, हर बिहारी को इसका गर्व होता है. जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं.'
कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन में काफी लोग राज्य लौटे हैं. इसके बाद लोगों को क्वारंटाइन किया गया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मैंने अलग-अलग राज्यों से बिहार लौटे मजदूरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. मुझे लगा कि वह काम के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते हैं.
Last Updated : Jun 20, 2020, 1:05 PM IST