कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में केंद्र की कई योजनाओं को लागू नहीं करने के लिए रविवार को ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोग उनसे ममता दिखाने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन उन्हें निर्ममता मिली.
पीएम मोदी का तंज- बंगाल को आस थी 'ममता' की, मिली निर्ममता - हल्दिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के हल्दिया में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में केंद्र की कई योजनाओं को लागू नहीं करने के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..
हल्दिया पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी का संबोधन
- आज हम मां गंगा के एक छोर पर हैं,लेकिन जो मां गंगा का उद्गम स्थल है, वो राज्य उत्तराखंड इस समय एक आपदा के सामना कर रहा है.
- एक ग्लेशियर टूटने की वजह से वहां नदी का जल स्तर बढ़ गया. नुकसान की खबरें धीरे धीरे आ रही हैं. मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के गृहमंत्री और एनडीआरफ के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं.
- राहत एवं बचाव का कार्य चल रहा है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. मेडिकल सुविधाओं में कमी न हो, इसपर जोर दिया जा रहा है.
- उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं, जिनका कोई न कोई सदस्य फौज में न हो. यानि वहां के लोगों का हौसला, किसी भी आपदा को मात दे सकता है. वहां के लोग के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है.
- पिछली बार मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती पर बंगाल आया था. आज हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए आपके बीच आया हूं.
- पश्चिम बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है. कोलकाता में साढ़े 8 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर तेज़ी से काम चल रहा है. इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने इस अभियान को और विस्तार दिया है.
- केंद्र सरकार इस साल भी हजारों करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल में नेशनल हाईवे बनाने में लगाने वाली है. पश्चिम बंगाल को पंजाब से जोड़ने वाला पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बहुत जल्दी बनकर तैयार होने वाला है.
- इसके अलावा खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए नए फ्रेट कॉरिडोर की भी घोषणा की गई है. पश्चिम बंगाल में रेलवे पर भी पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी से ज्यादा खर्च किया जाएगा.
- बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता.आज यहां जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो बदलाव चाहते हैं, आधुनिकता चाहते हैं. लेकिन आप सोचिए, बीते 10 सालों में यहां की सरकार ने कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया?
- उस बड़े स्टील प्लांट का क्या हुआ जो यहां की अराजक व्यवस्थाओं के कारण शुरु ही नहीं हो सका?
- 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं. लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला ढहने की कगार पर था.
- उस समय ममता दीदी ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया. उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा, लोगों ने भरोसा किया. बंगाल को आस थी ममता की लेकिन उसे निर्ममता मिली.
- अभी कुछ दिन पहले ही, मारीचझापी नरसंहार की दु:खद बरसी थी. देश इस घटना को, गरीबों और दलितों के इस नरसंहार को कभी नहीं भूलेगा. लेकिन बंगाल तृणमूल से ये पूछना चाहता है- जिन पुलिस वालों ने नंदीग्राम में गोलियां चलाई थीं, जिन्होंने गरीबों का खून बहाया, आप उन्हीं को पार्टी में क्यों शामिल कर रहे हैं?
- बंगाल पूछना चाहता है- क्या बंगाल का गरीब क्या केवल वोट लेने के लिए ही है? लेकिन क्या आपने भारत के खिलाफ इस षड्यंत्रों और साजिशों पर दीदी के मुंह से एक भी वाक्य सुना है क्या?
- अनेकों ऐसे हैं जिन्हें देश के लोगों ने दशकों तक सेवा का मौका दिया, वो भी या तो चुप हैं या इन षड्यंत्रों का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन इस षड्यंत्रकारियों से मैं कहना चाहता हूं कि देश इन षडयंत्रों का पूरी ताकत से जवाब देगा.
- ये वो सरकार है जो आपदा में भी भ्रष्टाचार के अवसर खोज लेती है. इससे बड़ा अपराध और क्या हो सकता है?इतना बड़ा चक्रवात आया, इतना कुछ तबाह हो गया. लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसे भेजे उसका इन लोगों ने क्या किया, ये पश्चिम बंगाल के लोग भली-भांति जानते हैं.
- हालात ये थी कि कोर्ट तक को इस पर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी. आप कोरोना के दौरान आए संकट को भी याद करिए. पूरी दुनिया में ऐसा कोई नहीं था जो इससे प्रभावित नहीं हुआ हो, जिसकी रोजी-रोटी पर इसका असर न पड़ा हो.
- केंद्र सरकार ने तुरंत पश्चिम बंगाल के लाखों परिवारों के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की. लेकिन केंद्र सरकार के भेजे राशन को भी यहां की सरकार सही तरीके से गरीबों तक पहुंचाने में असफल रही.
- कोरोना के दौरान देशभर के किसानों के बैंक खाते में पीएम सम्मान निधि के तहत हजारों करोड़ रुपये जमा किए गए. अभी तक इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं.
- इसमें पश्चिम बंगाल के भी लाखों किसान परिवार हो सकते थे. लेकिन, यहां के एक भी किसान को ये लाभ नहीं मिल पाया, क्योंकि यहां की सरकार ने इस योजना से जुड़ने से ही इनकार कर दिया था. सोचिए, पश्चिम बंगाल के किसानों के साथ कितना बड़ा अन्नाय किया गया.
- अब जब पश्चिम बंगाल के किसानों ने ममता दीदी को सबक सिखाने का मन बना लिया है, तो सिर्फ कहने के लिए कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने बेमन से इस योजना से जुड़ने की सहमति दे दी है.
- किसानों के पास सीधे पैसे जाएं, इससे यहां की सरकार को कितनी दिक्कत है, ये सिर्फ एक आंकड़े से समझ आता है. बंगाल के लाखों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सकता है.
- इसमें से 25 लाख से ज्यादा किसानों ने टीएमसी सरकार के पास इस सुविधा का लाभ लेने के लिए अप्लाई किया हुआ है. बंगाल में ऐसी सरकार है जिसने सिर्फ 6 हजार किसानों के नाम तय कर पाई है. सोचिए, सिर्फ 6 हजार किसान.
- ममता दीदी की सरकार, गरीबों की चिंता से कितना दूर है, इसका एक और उदाहरण केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना है.इस योजना के तहत पूरे देश के अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा से भी पश्चिम बंगाल का गरीब मरीज वंचित हैं.
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Last Updated : Feb 7, 2021, 8:20 PM IST