नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को देश के नाम संबोधन में कई बड़ी घोषणाएं भी की थीं. उन्होंने कोरोना से मुकाबले को लेकर कई बड़ी बातें भी कहीं और इस दौरान आत्मनिर्भर भारत का नारा देते हुए कहा कि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया. इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ रहे देश को 2001 में कच्छ में आए भूकंप का उदाहरण देकर हिम्मत बांधने का काम किया.
पीएम मोदी ने देशवासियों को कच्छ भूकंप की आंखों देखी सुनाई और कहा, 'साथियों, मैंने अपनी आंखों से कच्छ भूकंप के वो दिन देखे हैं. हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा. सब कुछ ध्वस्त हो गया था. ऐसा लगता था मानो कच्छ, मौत की चादर ओढ़कर सो गया हो. उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालात बदल पाएंगे. लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ, कच्छ चल पड़ा, कच्छ बढ़ चला.'
प्रधानमंत्री ने कच्छ की जो कहानी जनता को बताई, उसके बाद एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें मोदी भूकंप से हुई तबाही का सर्वेक्षण करने के लिए बाइक की सवारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने पंकज झाला से बात की और जाना कि क्या हुआ था कच्छ में आए विनाशकारी भूकंप के बाद. उन्होंने इस दौरान वायरल फोटो का भी जिक्र किया. पंकज ने बताया कि यह तस्वीर तब ली गई थी, जब भाजपा महासचिव के रूप में नरेंद्र मोदी भूकंप के तीन दिन बाद कच्छ आए थे.