श्रीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली मनाने के लिए रविवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी पहुंचे. पीएम मोदी ने यहां नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सैन्य जवानों को मिठाई खिलाकर उनके संग दिवाली मनायी. इस दौरान उन्होंने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल वायुसेना के पास जो नये अस्त्र-शस्त्र आए हैं, उनकी ओर आम जनता काफी आकर्षित हो रही है.
उन्होंने करीब एक हजार जवानों की मौजूदगी में कहा, ‘भारतीय रक्षा बलों के पराक्रम के कारण ही यह संभव हो पाया है. केंद्र सरकार ने निर्णय लिए हैं वह असंभव माने जाते थे.'
उनका इशारा सीमा के उस पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष दर्जे वाले प्रावधान को हटाने से जुड़े फैसले की ओर था.
मोदी ने कहा कि हर कोई अपने परिवार के साथ दिवाली मनाना चाहता है और इसीलिए वह भी अपने भी अपने परिवार के यहां पहुंचे हैं और उनका परिवार ये बहादुर जवान हैं.
उन्होंने राजौरी में ‘हॉल ऑफ फेम’ का दौरा किया और उन जवानों एवं नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने राजौरी एवं पुंछ अपने प्राण न्यौछावर किए.
प्रधानमंत्री ने ‘हॉल ऑफ फेम’ को ‘पराक्रम भूमि, प्रेरणा भूमि और पावन भूमि’ करार दिया.
पीएम ने कहा, 'जब मैंने पहली बार पीएम की जिम्मेदारी ली तो मैं सशस्त्र बलों के कर्मियों से मिलता था, तब मुझे इस तथ्य से पीड़ा हुई कि हमारे पास कोई राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं था. आज, मुझे गर्व है कि संसद की तुलना में लोग युद्ध स्मारक में अधिक संख्या में आते हैं.'
पीएम ने अपनी यात्रा की शुरुआत पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस समारोह के साथ की. पैदल सेना या इन्फैंट्री दिवस 1947 में जम्मू और कश्मीर में उन भारतीय सैनिकों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने पाकिस्तान का समर्थन करने वाले घुसपैठियों को वापस भेजा था.