बैंकॉक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थाईलैंड के दौरे पर हैं. मोदी बैंकॉक में 'स्वास्दी मोदी' कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. यहां उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित किया है. पीएम ने कहा कि आज भारत उन लक्ष्यों के लिए काम कर रहा है, जो कभी असंभव लगा करते थे.
भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में संबोधन :
- आज अगर भारत की दुनिया में पहुंच बढ़ी है तो, इसके पीछे आप जैसे साथियों का बहुत बड़ा रोल है. इस रोल को हमें और सशक्त करना है. एक बार फिर आप सभी का यहां आने के लिए आभार व्यक्त करता हूं.
थोड़ी देर पहले भारत के दो महान सपूतों, दो महान संतों से जुड़े स्मारक चिन्ह रिलीज करने का अवसर मुझे मिला है. मुझे याद है कि 3-4 साल पहले संत थिरु वल्लुवर की महान कृति थिरुक्कुराल के गुजराती अनुवाद को लॉन्च करने का अवसर मुझे मिला था. - 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर देने के लिए भी पूरी शक्ति के साथ प्रयास किया जा रहा है. मुझे विश्वास है कि भारत की इन उपलब्धियों के बारे में जब आप सुनते होंगे तो गर्व की अनुभूति और बढ़ जाती होगी.
- बीते 5 सालों में हमने हर भारतीय को बैंक खाते से जोड़ा है, बिजली कनेक्शन से जोड़ा है और अब हर घर तक पर्याप्त पानी के लिए काम कर रहे हैं. 8 करोड़ घरों को हमने 3 साल से भी कम समय में मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए हैं. यह संख्या थाईलैंड की आबादी से बड़ी है.
- हाल में ही, गांधी जी की 150वीं जयंती पर, भारत ने खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है. इतना ही नहीं, आज भारत के गरीब से गरीब का किचन स्मोक फ्री हो रहा है.
- अब हम उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं जो कभी असंभव लगते थे.आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आतंक और अलगाव के बीज बोने वाले एक बहुत बड़े कारण से देश को मुक्त करने का निर्णय भारत ने लिया है.
- भारत में छह दशक बाद किसी सरकार को पाँच साल का टर्म पूरी करने के बाद पहले से भी बड़ा बहुमत मिला है. इसकी वजह है, पिछले पाँच साल में भारत की उपलब्धियां. लेकिन इसका एक अर्थ यह भी है कि भारत के लोगों की अपेक्षाएं और आशाएं और बढ़ गई हैं.
- लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि भारत के इतिहास में पहली बार महिला मतदाताओं की संख्या, करीब-करीब पुरुषों के बराबर रही?इतना ही नहीं, इस बार पहले से कहीं ज़्यादा महिला सांसद लोक सभा में चुन कर आईं हैं.
- आप संभवत: जानते होंगे कि इस साल के आम चुनावों में इतिहास में सबसे ज़्यादा 60 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले.
- 130 करोड़ भारतीय आज New India के निर्माण में लगे हुए हैं.
- मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि विश्व में जहां भी भारतीय हैं, वे भारत से संपर्क में रहते हैं. भारत में क्या हो रहा है, इसकी खबर रखते हैं.
- वे अपने विदेशी मित्रों से कह सकते हैं, देखो- मैं भारतीय मूल का हूं और मेरा भारत कैसी तेजी से, कितना आगे बढ़ रहा है और वे सही कहते हैं.
- पिछले पांच सालों में मैंने बहुत से देशों की यात्रा की है. हर जगह भारतीय समुदाय से मिलने की कोशिश करता हूं.
- लेकिन जब भी ऐसी मुलाकात हुई है, हरेक में मैंने देखा कि भारतीय समुदाय में भारत और उनके मेजबान देश की सभ्यताओं का संगम होता है.
- स्वास्दी का संबंध संस्कृत के शब्द स्वस्ति से है. इसका अर्थ है- सु प्लस अस्ति, यानि कल्याण. यानि, आपका कल्याण हो. अभिवादन हो, आस्था हो, हमें हर तरफ अपने नजदीकी सम्बन्धों के गहरे निशान मिलते हैं.
- हम भाषा के ही नहीं, भावना के स्तर पर भी एक दूसरे के बहुत नजदीक हैं. इतने नजदीक कि कभी-कभी हमें इसका आभास भी नहीं होता.जैसे आपने मुझे कहा स्वादी मोदी,
- भारत की अयोध्या नगरी, थाईलैंड में आ-युथ्या हो जाती है. जिन नारायण ने अयोध्या में अवतार लिया, उन के पावन-पवित्र वाहन - गरुड़ के प्रति थाईलैंड में अप्रतिम श्रद्धा है.
- भगवान राम की मर्यादा और भगवान बुद्ध की करुणा, ये दोनों हमारी साझा विरासत का हिस्सा हैं.करोड़ों भारतीयों का जीवन जहां रामायण से प्रेरित होता है, वही दिव्यता थाईलैंड में रामाकियन की है.
- हमारे नाविकों ने तब समुद्र की लहरों पर हजारों मील का फासला तय करके समृद्धि और संस्कृति के जो सेतु बनाए वे अब भी विद्यमान हैं.
- ये रिश्ते दिल के हैं, आत्मा के हैं, आस्था के हैं, अध्यात्म के हैं. भारत का नाम पौराणिक काल के जंबूद्वीप से जुड़ा है. वहीं थाइलैंड सुवर्णभूमि का हिस्सा था.
- दरअसल, हमारे रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच के नहीं हैं. सरकारों ने तो इन्हें बनाया भी नहीं है. इन्हें इतिहास ने बनाया है.
- आज, थाईलैंड के नए नरेश के राज-काल में, अपने मित्र प्रधान मंत्री 'प्रयुत चान ओ च' के निमंत्रण पर मैं भारत-आसियान समिट में भाग लेने यहां आया हूँ.
- थाईलैंड की यह मेरी पहली आधिकारिक यात्रा है. तीन साल पहले थाईलैंड नरेश के स्वर्गवास पर मैंने शोक संतप्त भारत की ओर से उन्हें श्रद्धांजालि अर्पित की थी.
- आप भारतीय मूल के हैं सिर्फ इसलिए नहीं, बल्कि थाइलैंड के कण-कण, जन-जन में भी अपनापन नज़र आता है. यहां की बातचीत में, यहां के खान-पान में, यहां की परंपराओं में, आस्था में, आर्किटेक्चर में, भारतीयता की झलक है.
- प्राचीन सुवर्णभूमि, थाइलैंड में आप सभी के बीच हूं तो लगता ही नहीं है कि कहीं विदेश में हूं. ये माहौल, ये वेशभूषा, हर तरफ से अपनेपन का आभास मिलता है, अपनापन झलकता है.