अकोला : महाराष्ट्र के अकोला में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि हिन्दुत्व विचारक वी.डी. सावरकर के मूल्य राष्ट्र-निर्माण का आधार हैं. उन्होंने अफसोस जताया कि बीआर अंबेडकर को दशकों तक 'भारत रत्न' से वंचित रखा गया.
मोदी के यह बयान देने से एक दिन पहले ही भाजपा ने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में सावरकर को 'भारत रत्न' दिए जाने की मांग उठाई थी. मोदी ने कहा, 'यह सावरकर के संस्कार ही हैं कि हमने राष्ट्रवाद को राष्ट्र निर्माण के मूल में रखा है.'
उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के मामले पर आपत्ति जताने को लेकर विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें 'बेशर्म' बताया.
इसके अलावा पीएम मोदी ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और एनसीपी नेताओं के रिश्ते पर भी निशाना साधा. मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र को खून से रंगने वालों के साथ इन लोगों की रंगरेलियां चलती थीं.
मोदी के भाषण के प्रमुख अंश :
- इसलिए पिछले कुछ दिनों से इन्होंने जांच एजेंसियों को बदनाम करना, केंद्र सरकार को बदनाम करना शुरु कर दिया था, लेकिन वक्त बदल चुका है. हर कारनामें का जवाब देश लेकर रहेगा.
- महाराष्ट्र को खून के रंग से रंग देने वालों के साथ, इन लोगों की रंगरेलियां चलती थीं. इन्हें पता था कि इनकी पोल खुलने वाली है, इन्हें पता था कि इनके कारनामें सामने आएंगे. इसलिए ये डरे हुए थे.
रैली को संबोधित करते पीएम मोदी - याद कीजिये एक समय था, जब आए दिन यहां बम धमाके होते थे, मुंबई दहल जाता था. उस समय जो बम धमाके हुए उनके जो मास्टरमाइंड सामने आए वो बचकर निकल गए, दुश्मन देशों में बसेरा बना लिया. आज उन लोगों से ये देश पूछता है कि इतने बड़े गुनाहगार कैसे बचकर निकल गए.
- महाराष्ट्र का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां से गए वीर सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए त्याग नहीं किया होगा. महाराष्ट्र के वीर जवान के दिल में यही बात रही होगी कि मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती से आया हूं, मैं देश पर आंच भी नहीं आने दूंगा.
- हमें गर्व है महाराष्ट्र के उन सपूतों पर जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. और आज राजनीति के स्वार्थ और अपने परिवार में डूबे हुए ये लोग ये कहने में लगे हुए हैं कि महाराष्ट्र का जम्मू कश्मीर से क्या लेना देना? डूब मरो, डूब मरो.
- इन्हें एक भारत-श्रेष्ठ भारत नहीं चाहिए. इन्हें बंटा भारत चाहिए, बिखरा भारत चाहिए, लड़ता हुआ भारत चाहिए. यही इनकी राजनीतिक चालें हैं, जो आज चौपट होती जा रही हैं.
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी - अनुच्छेद 370 हटने से आप सभी खुश हैं, लेकिन उनका चेहरा उतर गया है, उन्हें दर्द हो रहा है. जैसे पाल-पोसकर कर रखा जाने क्या चला गया. इनके द्वारा संभाल के रखी 370 देशवासियों के चरणों में न्यौछावर हो गई.
- मैं हैरान हूं कि छत्रपति शिवाजी की धरती पर आजकल राजनीतिक स्वार्थ के कारण ऐसी आवाजें उठायी जा रही हैं और इनकी बेशर्मी देखिये कि ये खुलेआम कह रहे हैं कि महाराष्ट्र के चुनाव से अनुच्छेद 370 का क्या लेना देना? महाराष्ट्र से जम्मू कश्मीर का क्या संबंध?
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह लागू न करने के प्रयासों के पीछे भी ऐसे ही लोगों की दुर्भावना है.
- ये वीर सावरकर के ही संस्कार हैं कि राष्ट्रवाद को हमने राष्ट्र निर्माण के मूल में रखा है. वहीं दूसरी तरफ वो लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब का कदम-कदम पर अपमान किया, उन्हें दशकों तक भारत रत्न से दूर रखा. ये वो लोग हैं जो वीर सावरकर का अपमान करते हैं.
- बीते 5 वर्ष में महायुती की सरकार ने दिखा दिया है कि महाराष्ट्र को कौन सा गठबंधन ईमानदारी के साथ आगे ले जा सकता है और कौन सा दल उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकता है.
- आप सभी ने हमेशा मुझे और महायुती के साथियों को भरपूर आशीर्वाद दिया है. आज मैं आपके सामने पहले से ज्यादा मजबूत सरकार बनाने के लिए, मजबूत इरादों वाली सरकार बनाने के लिए, आपके साथ मजबूती से खड़ी रहने वाली सरकार बनाने के लिए, आपसे आशीर्वाद लेने आया हूं.