नई दिल्ली: पीएम मोदी ने अपने आवास पर स्थित कार्यक्रम के दौरान ईटीवी भारत द्वारा निर्मित गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन को प्रदर्शित किया. उन्होंने गांधी जी के आदर्शों को जन-जन में फैलाने के ईटीवी भारत के प्रयास को पहले भी सराहा था. रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने ईटीवी भारत की ओर से बनाए गए बापू के प्रिय भजन के म्यूजिकल वीडियो को 150 वीं जयंती के उपलक्ष में लॉन्च किया था. आज पीएम मोदी ने इसी को प्रदर्शित किया.
पीएम मोदी ने इस प्रयास के लिए रामोजी राव की भूरि-भूरि प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि रामोजी राव उम्र में हमसे बड़े हैं, लेकिन उनके अंदर पैशन बहुत ज्यादा है. उन्होंने जिस तरह से देश के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों के साथ मिलकर भजन की खास प्रस्तुति दी, वह सचमुच प्रशंसनीय है.
पीएम मोदी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर अलग-अलग क्षेत्र के कलाकारों को आमंत्रित किया था और उन्हें महात्मा गांधी के आदर्शों को और अधिक फैलाने की अपील की. इस दौरान पीएम मोदी ने ईटीवी भारत की सराहना करते हुए मौजूद सभी लोगों को ईटीवी भारत द्वारा निर्मित म्यूजिक वीडियो दिखाया.
इससे पहले भी पीएम मोदी ने ईटीवी की इस पहल की सराहना कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'पूज्य बापू के प्रिय भजनों की शानदार प्रस्तुति के लिए @Eenadu_Hindi आपका हार्दिक अभिनंदन. महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप स्वच्छ भारत अभियान में जागरूकता फैलाने में मीडिया जगत का बहुमूल्य योगदान रहा है. अब बारी देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की है.'
यहां देखें वीडियो-ईटीवी भारत ने बापू को दी संगीतमय श्रद्धांजलि
इस कार्यक्रम के दौरान गांधी के आदर्शों को दुनिया तक पहुंचाने वाले चार वीडियो दिखाए, जिसमें ईटीवी भारत की पेशकश शामिल थी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने तारक मेहता ग्रुप, राज कुमार हिरानी, संस्कृति मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा निर्मित वीडियो को भी दिखाया. इन सभी वीडियो को दिखाने के पीछे गांधी जी के आदर्शों को बढ़ावा देने का उद्देश था.
ईटीवी भारत गांधी के पसंदीदा भजन (वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे, पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे) के माध्यम से देश भर में एकता का संदेश फैलाने में अपनी महती भूमिका निभा रहा है. ईटीवी भारत ने 15वीं सदी के गुजराती कवि नरसिंह मेहता द्वारा रचित भजन को अपना माध्यम चुना.
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उनकी कविता वैष्णव (जिसके मन में हरेक के प्रति करुणा का भाव हो) के जीवन और आदर्शों को खूबसूरती से दर्शाती है. नरसिंह मेहता ने सांसारिक जीवन त्याग दिया था. बाद में वे भक्ति आंदोलन की प्रमुख शक्ति बन गए थे.