दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

निर्भया मामला : दोषी पवन की पैरवी करेंगे कोर्ट से नियुक्त वकील रवि काजी

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को निर्भया केस के दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्त का प्रतिनिधित्व करने के लिए रवि काजी को वकील नियुक्त किया.

nirbhaya case in supreme court
सुप्रीम कोर्ट में निर्भया केस

By

Published : Feb 13, 2020, 10:56 AM IST

Updated : Mar 1, 2020, 4:44 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्त का प्रतिनिधित्व करने के लिए रवि काजी को वकील नियुक्त किया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने काजी को वकील नियुक्त किया. इसके पहले ने डीएलएसए द्वारा की गई कानूनी मदद की पेशकश को ठुकरा दिया था.

अदालत ने बुधवार को गुप्त के लिए वकील की पेशकश की थी और उसकी ओर से प्रक्रिया में देरी पर नाराजगी जताई थी.

गुप्ता ने कहा कि उसने अपने पहले वकील को हटा दिया है और उसे नए वकील के लिए समय चाहिए.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने गुप्त के पिता को अपने पैनल में शामिल वकीलों की सूची दी थी.

इस मामले में चार दोषियों में से सिर्फ गुप्ता ने ही अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है. इसके अलावा उसके पास दया याचिका का विकल्प भी है.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के अनुरोध वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार तक स्थगित करते हुए दोषियों से इस पर जवाब तलब किया है. अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों से कहा कि वे अलग-अलग फांसी देने का अनुरोध कर रही केंद्र सरकार की याचिका पर शुक्रवार तक जवाब दाखिर करें.

न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने दोषी पवन गुप्ता के प्रतिनिधित्व के लिए गुरुवार को वरिष्ठ वकील अंजना प्रकाश को न्याय मित्र नियुक्त किया. पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई शुक्रवार दोपहर दो बजे तक स्थगित कर रही है क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को निर्देश दिया कि वह अपने पैनल में शामिल वकीलों की एक सूची पवन के पिता को उपलब्ध कराए.

गुप्ता के पिता ने कल अदालत से अनुरोध किया था कि फिलहाल उनके बेटे के पास कोई वकील नहीं है, इस पर न्यायाधीश ने उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) से एक वकील मुहैया कराने की पेशकश की थी.

ट्रायल कोर्ट ने ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह पवन गुप्ता के पिता को अधिवक्ताओं की सूची उपलब्ध कराए, जिसमें से वह पवन के लिए वकील चुन सके.

वहीं तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने कानूनी मदद के रूप में वकील लेने से इनकार कर दिया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने बुधवार को पवन को वकील की पेशकश की थी और उसकी ओर से विलंब करने पर नाराजगी जताई थी.

ये भी पढ़ें-निर्भया केस: आज भी जारी नहीं हो सका नया डेथ वारंट, सोमवार को अगली सुनवाई

पवन ने कहा था कि उसने अपने पहले वकील को हटा दिया है और नया वकील करने के लिए उसे समय चाहिए.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) ने पवन के पिता को वकील चुनने के लिए अपने पैनल में शामिल अधिवक्ताओं की एक सूची उपलब्ध कराई थी.

पवन ने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है. उसके पास दया याचिका दायर करने का भी विकल्प है.

बता दें कि गुप्ता एकमात्र दोषी है, जिसने अभी तक क्यूरेटिव पिटीशन फाइल नहीं की है. यह पवन के लिए उपलब्ध, अंतिम कानूनी उपाय है. पवन के पास मौत की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर करने का विकल्प भी है.

निर्भया केस के घटनाक्रम पर एक नजर :-

  • 16 दिसंबर, 2012: वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया.
  • 17 दिसंबर, 2012: पुलिस ने वारदात में शामिल बस बरामद की और एक आरोपी राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
  • 18 दिसंबर, 2012: विनय शर्मा, मुकेश और पवन को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
  • 21 दिसंबर, 2012: एक नाबालिग आरोपी को आईएसबीटी से पकड़ा गया. वहीं औरंगाबाद से अक्षय को गिरफ्तार किया गया.
  • 25 दिसंबर, 2012: मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निर्भया का बयान दर्ज किया.
  • 26 दिसंबर, 2012: निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल भेजा गया.
  • 29 दिसंबर, 2012: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ा.
  • 11 मार्च, 2013: तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगाकर की खुदकुशी की.
  • 13 सितंबर, 2013: निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई.
  • 13 मार्च, 2014: दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा.
  • 5 मई, 2017: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा.
  • 9 जुलाई, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया.
  • 7 जनवरी, 2020: निचली अदालत ने निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी की सुबह 7 बजे का समय तय किया.
  • 17 जनवरी, 2020: अदालत ने एक फरवरी के लिए नया डेथ वारेंट जारी किया.
  • 31 जनवरी, 2020: अदालत ने दोषियों की फांसी के लिए जारी डेथ वारेंट को रद कर दिया.
Last Updated : Mar 1, 2020, 4:44 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details