नई दिल्ली: हाथरस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है. जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन यानी अनुच्छेद 356 लगाने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. लिहाजा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए.
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में हाथरस जैसी हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर अनुच्छेद 356 को तुरंत लागू किया जाना चाहिए.
यह याचिका अधिवक्ता सीआर जया सूकिन ने दायर की है.
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याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि यूपी सबसे असुरक्षित राज्य है और न्याय के बुनियादी सिद्धांतों का पालन किए बिना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन किया है. अधिवक्ता का कहना है कि अनुच्छेद 356 को लागू करना लोकतंत्र और 20 करोड़ लोगों के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार चलाने का नैतिक अधिकार खो गया है.
राजा ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार ने राज्य पर शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है. योगी सरकार दलितों और समाज के हाशिए के वर्गों की रक्षा करने में विफल रही है. राज्य में कोई कानून और व्यवस्था नहीं है और ऐसी स्थिति में भाजपा सरकार को इस्तीफा देना चाहिए.
ज्ञात हो उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के गांव में सियासी दलों और मीडिया के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटने के बाद नेताओं का जमघट लग गया है. शनिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी परिवार से मिलकर हालचाल जाना था. रविवार को भी कई सियासी दलों के नेता वहां पहुंचे और सभी ने न्याय दिलाने की बात कही.
पाबंदी हटने के बाद से ही पीड़ित परिवार का दुख-दर्द बांटने के लिए उनके घर नेताओं की आवाजाही का क्रम जारी है. रविवार को सपा का प्रतिनिधिमंडल, रालोद नेता जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद पहुंचे.