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Published : Oct 6, 2020, 8:59 PM IST

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हाथरस मामले में गिरफ्तार पत्रकार की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के खिलाफ न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : केरल के पत्रकारों के संगठन ने अपने साथी पत्रकार की मथुरा में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. यह पत्रकार कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई युवती के हाथरस स्थित घर जा रहा था.

संगठन ने अपने साथी पत्रकार की गिरफ्तारी को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये उसे तत्काल पेश करने और गैरकानूनी हिरासत से रिहा करने का अनुरोध किया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को कहा था कि उसने मथुरा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे संबद्ध संगठन से संबंध रखने वाले चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है.

पीएफआई पर देश में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों का वित्तपोषण करने के भी आरोप लगे थे और उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था.

पुलिस ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान मलप्पुरम के सिद्दीक, मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के रूप में की थी.

गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के बाद, केरल के प्रमुख पत्रकार संगठन ने मलप्पुरम निवासी सिद्दीक को उनके पूरे नाम सिद्दीक कप्पन से पहचाना. साथ ही संगठन ने कहा कि वह दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं.

हाथरस में पिछले महीने अगड़ी जाति के चार लोगों ने 19 साल की एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था. लड़की की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी.

इसके बाद से हाथरस और देश के कई हिस्सों में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर के मुताबिक, सोमवार देर रात टोल प्लाजा पर चेकिंग के दौरान कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल पूछताछ की जा रही है. हाथरस की घटना से इनका कोई ताल्लुक है या नहीं, इस बात की भी जांच की जा रही है. पकड़े गए लोगों में लाइक पहलवान निवासी रामपुर, अतीकुर्रहमान, मोहम्मद मसूद अहमद और कप्पन केरल निवासी शामिल हैं.

हाथरस के मामले में विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए है. जिनमें तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगे हैं. धाराओं के बिंदुवार विवरण-

  • आईपीसी की धारा 109 (अपराध के लिए उकसाने)
  • आईपीसी की धारा 124ए (देश की एकता और अखंडता को खतरा पहुंचाने की कोशिश-राजद्रोह)
  • आईपीसी की धारा 120 बी (षडयंत्र)
  • आईपीसी के सेक्शन 153-ए (धर्म भाषा और जाति के आधार पर विद्वेष फैलाना)
  • आईपीसी की धारा 153-बी (राष्‍ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बयान)
  • आईपीसी की धारा 195 (झूठे साक्ष्य गढ़ना)
  • आईपीसी की धारा 465 (कूट रचना)
  • आईपीसी के सेक्शन 468 (कूटरचित दस्‍तावेजों का प्रयोग)
  • आईपीसी के सेक्शन 501(मानहानिकारक मुद्रण)
  • आईपीसी की धारा 505 (भय का माहौल बनाने वाला बयान)

इसके अतिरिक्त सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम, 2008 की धारा 67 समेत कुल 20 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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