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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : गाना गाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं मंडला के श्याम बैरागी

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की 14वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

plastic campaign story
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Published : Dec 25, 2019, 7:08 AM IST

Updated : Dec 25, 2019, 7:20 AM IST

मंडला : देश के अधिकतर गांवों और शहरों में जहरीले और हानिकारक प्लास्टिक कचरों के कारण भयावह प्रदूषण फैला हुआ है. मध्यप्रदेश का मंडला जिला भी इससे अछूता नहीं है.

प्लास्टिक के उपयोग से पैदा होने वाली बीमारियों के बारे में जानने और जागरूक होने के बावजूद हम धड़ल्ले से इसका उपयोग कर रहे हैं और ऐसी दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें फसल उपजाने की धरती बंजर हो जाएगी और नदियों से पानी गायब हो जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण से दुनिया में बेकार पड़ी एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक की मात्रा का पता चला है. इस प्लास्टिक कचरे की मात्रा इतनी अधिक है कि इससे पूरी धरती की सतह को तीन बार ढंका जा सकता है.

प्लास्टिक को विघटित करने के लिए धरती पर पर्याप्त दबाव और तापमान नहीं है. यही कारण है कि हजारों सालों तक प्लास्टिक अपने वास्तविक स्वरूप में बना रहता है.

सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इसका प्रयोग बंद करने की अपील की है. मध्य प्रदेश के मंडला जिले में रहने वाले श्याम बैरागी इससे प्रभावित हुए हैं.

श्याम बैरागी पेशे से गायक और गीतकार हैं. उन्होंने एक गीत लिखकर इसे अपनी आवाज में स्वरबद्ध किया है. गीत के बोल हैं.. 'गाड़ी वाला आया, घर से कचरा निकाल'. ईटीवी भारत से बात करते हुए श्याम बैरागी ने कहा, वह हाल ही में एक कार्यक्रम में शामिल होने गुजरात गए थे. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित होकर उन्होंने प्लास्टिक पर गीत लिखने शुरू किए.

बैरागी अब तक 36 गाने लिख चुके हैं. उनके सभी गीत विभिन्न सरकारी योजनाओं और अभियानों के साथ-साथ गांवों में प्रचलित बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं.

श्याम बैरागी का कहना है कि प्लास्टिक हर व्यक्ति और हर चीज के लिए हानिकारक है. इसका जानवर, इंसान और पृथ्वी सभी पर समान दुष्प्रभाव पड़ता है. अगर प्लास्टिक के खिलाफ अभी युद्ध नहीं छेड़ा गया तो वह दिन दूर नहीं, जब लोग कुछ इंच स्वच्छ भूमि के लिए लड़ाई लड़ते नजर आएंगे.

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Last Updated : Dec 25, 2019, 7:20 AM IST

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