नई दिल्ली :सोशल मीडिया विवाद के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर को आईटी मामलों की संसद की स्थाई समिति के चेयरमैन पद से हटाने की मांग उठी है. वहीं, थरूर की ओर से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है. अब थरूर के कदमों को रोकने के लिए भाजपा दो योजनाओं के साथ तैयार है.
भाजपा के प्लान ए में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर को रोकना है, जिन्होंने समिति में फेसबुक के प्रतिनिधियों को दो सितंबर को पेश होने का समन दिया है.
समिति में थरूर के सहयोगी और थरूर के कदम के प्रति भाजपा के विरोध का सामना करते हुए, निशिकांत दुबे ने बिरला को पत्र लिखकर योजना ए के लिए प्रस्ताव तैयार किया है, जहां उन्होंने आचरण संबंधी नियम 283 को लागू करने का आग्रह किया है.
नियम कहता है कि स्पीकर (अध्यक्ष) समय-समय पर एक समिति के अध्यक्ष को ऐसे निर्देश जारी कर सकता है, जैसा कि स्पीकर प्रक्रिया और अपने काम के संगठन को विनियमित करने के लिए आवश्यक समझता है. सरल शब्दों में कहें तो लोकसभा स्पीकर थरूर को रोकने के लिए कदम उठा सकते हैं, अगर वह परिस्थिति के अनुसार सटीक बैठता है.
इसके अलावा, भाजपा की ओर से एक सितंबर को प्रस्ताव में बैकअप योजना निर्धारित करने की संभावना है, जब आईटी पर स्थाई समिति का पुनर्गठन होगा. इस विषय पर 'नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सामाजिक/ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग की रोकथाम' नियम में किसी भी सदस्य को इस कदम पर सवाल उठाने और उस पर मतदान करने की अनुमति है.
समिति में शामिल 21 लोकसभा सदस्यों में से भाजपा के 12 और एक सहयोगी दल का सदस्य है. वहीं 10 राज्यसभा सदस्यों में से एक का निधन हो गया है और अब इनमें से केवल नौ बचे हैं. इन नौ में से भाजपा के तीन सदस्य हैं और एक नामित सदस्य का वोट मिलने की भी उम्मीद है.
30 सदस्यीय पैनल में भाजपा के खुद के दम पर 15 सदस्य हैं. अगर सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और एक मनोनीत सदस्य को अपने पाले में कर लेती है तो उसके पास 17 वोट होंगे. वोटिंग असामान्य नहीं है, यह देखते हुए कि पिछली बार वॉट्सएप स्नूपिंग का मुद्दा सामने आया था, जिन्होंने प्रतिनिधियों को बुलाने का विरोध किया था. हालांकि, भाजपा ने वह राउंड गंवा दिया था. लेकिन इस बार, भाजपा ने अपने अंकगणित पर काम करना शुरू कर दिया है.
हालांकि, कई भाजपा सदस्यों ने स्वीकार किया है कि थरूर को हटाना स्पीकर के लिए भी आसान काम नहीं है.
(आईएएनएस)