हैदराबाद : मुंबई हमले को लेकर पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया के दावे पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने प्रतिक्रिया दी है. यूपीए के कार्यकाल में चिदंबरम के कहने पर 'हिंदू टेरर' का अफवाह फैलाकर झूठ और फरेब का खेल खेला गया. मैं निंदा करता हूं, कांग्रेस ने ऐसी अफवाह फैलाकर देश को गुमराह करनी की कोशिश की थी.
उन्होंने कहा कि मारिया ने यह सब बातें तब क्यों नहीं बोलीं जब वह पुलिस आयुक्त थे.
राकेश मारिया ने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने तथा पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मारे जाने की योजना बनाई थी.
मारिया ने सोमवार को जारी अपने संस्मरण 'लेट मी से इट नाउ' में 26/11 के मुंबई हमले में उनके द्वारा की गई जांच का जिक्र किया. उस हमले की योजना लश्कर ने बनाई थी और उसमें पाकिस्तान का हाथ भी होने का पता चला था.
केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद की अफवाह फैलाने की साजिश की थी. उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस की साजिश का खामियाजा उन्हें 2014 और 2019 के चुनाव में भुगतना पड़ा है.
गोयल ने आगे कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता और भाजपा कांग्रेस द्वारा की गई साजिश की घोर निंदा करती है.
पुस्तक के अंशों के अनुसार, (पाकिस्तानी) आईएसआई और लश्कर जेल में ही कसाब को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे क्योंकि वह हमले की कड़ी उन समूहों से जोड़ने वाले प्रमुख सबूत था और दाऊद इब्राहिम के गिरोह को उसे खत्म करने का जिम्मा सौंपा गया था.
मुंबई आतंकी हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का ब्यौरा देते हुए मारिया ने लिखा, 'यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए 'हिंदू आतंकवादियों' को दोषी ठहराती.'
उन्होंने दावा किया कहा कि आतंकवादी संगठन ने आतंकवादियों को भारतीय पते के साथ फर्जी पहचान पत्र भी दिए थे.