नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय में मास्क के उपयोग से जुड़ी एक जनहित याचिका तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई है. याचिका के अनुसार इस्तेमाल किए गए फेस मास्क के उचित निस्तारण के लिए सलाह मांगी है, जिसे अभी वर्तमान में घर के कचरे में फेंक दिया जा रहा है.
याचिकाकर्ता अंकित गुप्ता का, जो एनएलआईयू, भोपाल में लॉ के अंतिम वर्ष के छात्र हैं, मानना है कि सरकार द्वारा कोविड-19 खतरे के आकलन के तहत फेस मास्क पहनने को अनिवार्य बनाया गया है, जिसका पालन नहीं करने पर अब जुर्माना लगाया जा रहा है. लेकिन इसके सुरक्षित निस्तारण के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है, जो संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए अनिवार्य है.
अंकित ने बताया कि घरेलू कामगारों से सामुदायिक प्रसारण का ज्यादा खतरा होता है क्योंकि वे दैनिक रूप से विभिन्न घरों से कचरा एकत्र करते हैं.
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने की मांग की है ताकि घरेलू फेस मास्क को घरेलू कचरे के रूप में निस्तारित करने की बजाय उसके उचित संचालन और निबटान के निमित्त स्थानीय सिविक एजेंसियों के लिए एक एडवाइजरी / दिशानिर्देश / मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जा सके. उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि जनता द्वारा उपयोग किए जाने वाले फेस मास्क के निबटान के सही तरीकों का प्रचार करने के लिए जनसंचार माध्यमों के जरिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए.