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किसानों को आतंकवादी बताने वालों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान मीडिया चैनलों और भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा किसानों को आतंकवादी बताने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हाल ही में बीजेपी के प्रवक्ता और एक निजी न्यूज चैनल पर एफआईआर दर्ज करने के लिए पीआईएल दाखिल गई है.

supreme court
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Published : Jan 27, 2021, 5:12 PM IST

Updated : Jan 27, 2021, 9:41 PM IST

नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और एक टीवी न्यूज चैनल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. पीआईएल में कहा गया है कि अपने राजनीतिक कारणों की वजह से किसानों को आतंकवादी बताने का कार्य किया गया.

आरोप है कि बीजेपी नेता व चैनल ने साजिश रचकर निर्दोष किसानों पर आरोप लगाए हैं. केंद्र सरकार और मीडिया को उचित दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही याचिका में आगे किसी दिशा-निर्देश के बिना किसी भी किसान को आतंकवादी घोषित न करने की दलील दी गई है. जनहित याचिका को एडवोकेट एमएल शर्मा ने दायर किया है. जिसमें कहा गया है कि खाली हाथ में बैनर लेने की वजह से किसी को आतंकवादी के रूप में आरोपित नहीं किया जा सकता. यह आरोप गलत है और तथाकथित आरोप के तहत सभी कार्रवाई अवैध है. इतना ही नहीं जिन लोगों ने आरोप लगाया है, उन पर आईपीसी की धारा 182 और 211 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.

वकील एमएल शर्मा का बयान

मीडिया रिपोर्टिंग पर सवाल

एडवोकेट शर्मा ने कहा कि कोई भी समाचार चैनल घटना के पक्ष या विपक्ष में हेरफेर नहीं कर सकता. समाचार रिपोर्टिंग में घटनाओं के बारे में टिप्पणियां और स्वयं के विचार शामिल नहीं होते हैं. याचिका के बारे में शर्मा ने कहा कि किसान को आतंकवादी घोषित करना अपने आप में एक आपराधिक मामला है, जिसके लिए उन पर आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने किसानों को प्रवेश करने की अनुमति देने के बावजूद प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया. किसानों ने विभिन्न जगहों पर रैली की, लेकिन टीवी ने यह नहीं दिखाया.

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सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग
एमएल शर्मा ने अदालत से मीडिया को अपने स्वयं के विचारों, व्यक्तिगत टिप्पणियों आदि की किसी भी टिप्पणी को जारी करने से रोकने के लिए निर्देश मांगे हैं. दूसरी ओर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव अनीस अहमद ने लाल किला हिंसा को लेकर किसान आंदोलन को बदनाम न करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जो किसानों के ग्रुप दिल्ली में दाखिल हुए हैं वे आंदोलन से जुड़े हुए नहीं थे.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के महासचिव अनीस अहमद

अनीस अहमद ने कहा कि किसानों का आंदोलन पिछले 2 महीने से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. लाल किला हिंसा के बाद उसे इस तरह बदनाम नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने मांग की कि इन घटनाओं की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान जो मांगें कर रहे हैं, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए.

Last Updated : Jan 27, 2021, 9:41 PM IST

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