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श्वसन रोगियों को है कोरोना से ज्यादा खतरा

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस पर लगातार शोध किया जा रहा है. विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना वायरस सांस की समस्या या फेंफड़े से संबंधित बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ज्यादा खतरनाक है. बता दें कि दुनियाभर में इस महामारी से करीब 70 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Apr 6, 2020, 8:46 PM IST

हैदराबाद : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों को सांस लेने में तकलीफ होती है. श्वास रोग विशेषज्ञों के अनुसार सांस रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कोरोना वायरस ज्यादा खतरनाक है. कोविड-19 के लक्षणों को वह रोगी ज्यादा अनुभव कर सकते हैं जो सांस संबंधी समस्या से पीड़ित हैं या जिनकी प्रतिरक्षा क्षमता कम है.

कोरोना वायरस के हल्के या अनुपस्थित लक्षण का पता नहीं चल पाता है, जिससे निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है. यह रोग लोगों के जीवन के लिए भी खतरा बन जाता है.

अमेरिकन लंग (फेफड़ा) एसोसिएशन के अनुसार, दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के समय में अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग (Chronic Obstructive Pulmonary Disease ) वाले लोगों के लिए यह जरूरी है कि वह अपने रखरखाव की दवा को संभाल कर रखें.

एसोसिएशन ने कहा कि ऐसे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों का पालन करना चाहिए. संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए. यदि फेंफड़ों में संक्रमण बढ़ता है तो इससे शरीर के बुनियादी ढांचे पर असर पड़ेगा.

लंग एसोसिएशन ने कहा कि इसी तरह जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके लिए भी कोरोना वायरस ज्यादा घातक है.

एसोसिएशन ने कहा कि धूम्रपान करने से श्वसन नलिकाओं और फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे प्रतिरक्षा क्षमता कम हो जाती है. कोविड-19 के संपर्क में आने से ऐसे लोगों को लिए जोखिम बढ़ सकता है.

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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दुनियाभर के कई देशों में लॉकडाउन है. इसके बावजूद करीब 70 हजार लोगों की इस महामारी के चपेट में आने से मौत हो चुकी है. अमेरिका इटली और स्पेन जैसे देश इस महामारी के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. कोरोना वायरस की वजह से दुनिया की 40 फीसद आबादी घरों में कैद रहने को मजबूर हैं.

नोवेल कोरोना वायरस में ज्यादातर लोगों के लिए हल्के या मध्यम लक्षण पाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों के विशेष कर बुजर्गो और सांस संबंधी बीमारी वाले लोगों की इस वायरस से मौत हो सकती है.

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बता दें कि चीन में इस वायरस से 3000 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित हैं और 14 की मौत हो चुकी है. इन लोगों को सरकार की तरफ राष्ट्रीय शहीदों का दर्जा दिया गया है. इस सूची में डॉक्टर ली वेनलियांग का नाम भी शामिल हैं.

बता दें कि प्रकोप की खबरें सार्वजनिक करने के बाद पुलिस द्वारा दंडित करने की धमकी दी गई थी.

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