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जम्मू-कश्मीर : 'अनुच्छेद 35-A हटाने की तैयारी,' सैन्य गतिविधि पर सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप - article 35 a

जम्मू-कश्मीर में लगभग 10 हजार सैनिकों की तैनाती से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. ये कहना है यहां के सामाजिक कार्यकर्ता का. उनका मानना है कि अनुच्छेद 35 ए को हटाने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है. जानें पूरा मामला

अमित शाह ( फाइल फोटो)

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Published : Aug 2, 2019, 10:41 PM IST

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में गृह मंत्रालय ने 10 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती की है. इसके बाद शुक्रवार को 25 हजार और सुरक्षाबलों को राज्य में भेजे जाने की खबरें सामने आई. इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है. ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती.

सूत्रों ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा स्थिति, प्रशिक्षण की आवश्यकताओं, आराम एवं स्वस्थ हो जाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती में फेरबदल की जरूरत, केंद्रीय बलों की तैनाती एवं वापसी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है.'

अटकलें इस बात को लेकर भी तेज हैं कि केंद्र संविधान के अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने की भी योजना बना रहा है. इस अनुच्छेद के अनुसार राज्य की सरकारी नौकरियों एवं जमीन पर केवल राज्य के निवासियों का अधिकार होता है.

हालांकि मुख्य राजनीतिक दल जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ करने वाले किसी भी कदम का विरोध करने की प्रतिबद्धता जताई है.

गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से ऐसा कोई भी कदम न उठाने की अपील की जो जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ दे.

पीएम मोदी से भेंट करने वाले प्रतिनिधिमंडल में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पार्टी के एक सांसद शामिल थे. उन्होंने मोदी से साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव कराने में मदद की अपील भी की.

बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल अचानक कश्मीर में दो दिवसीय दौरे पर गए थे.

पढ़ें -जम्मू में सुरक्षा बलों की तैनाती जैसे मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जातीः MHA

इस दौरान उन्होंने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के उच्च अधिकारियों को साथ मीटिंग की थी. इस बैठक के बाद राज्य में लगातार सुरक्षा बलों को भेजा जा रहा है.

जबकि इस मामले पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में कानून और शांति को बरकरार रखने के लिए सुरक्षा बलों का तादात में इजाफा किया गया है.हालांकि लोग सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

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