श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में गृह मंत्रालय ने 10 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती की है. इसके बाद शुक्रवार को 25 हजार और सुरक्षाबलों को राज्य में भेजे जाने की खबरें सामने आई. इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है. ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती.
सूत्रों ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा स्थिति, प्रशिक्षण की आवश्यकताओं, आराम एवं स्वस्थ हो जाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती में फेरबदल की जरूरत, केंद्रीय बलों की तैनाती एवं वापसी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है.'
अटकलें इस बात को लेकर भी तेज हैं कि केंद्र संविधान के अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने की भी योजना बना रहा है. इस अनुच्छेद के अनुसार राज्य की सरकारी नौकरियों एवं जमीन पर केवल राज्य के निवासियों का अधिकार होता है.
हालांकि मुख्य राजनीतिक दल जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ करने वाले किसी भी कदम का विरोध करने की प्रतिबद्धता जताई है.
गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी से ऐसा कोई भी कदम न उठाने की अपील की जो जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ दे.