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दशहरे पर मथुरा में रावण की पूजा करते हैं सारस्वत गोत्र के लोग - दशहरे पर मथुरा में रावण की पूजा

ब्राह्मण समाज के सारस्वत गोत्र के लोगों ने रावण के प्रति अपनी आस्था दर्शाने के लिए लंकेश भक्त मंडल का गठन कर रखा है, जो पिछले दो दशक से रावण के पुतले दहन करने का विरोध करता आ रहा है.

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मथुरा में रावण की पूजा

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Published : Oct 25, 2020, 7:19 AM IST

मथुरा :दशहरे के अवसर पर देश भर में बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण का पुतला जलाया जाता है, लेकिन भगवान कृष्ण की नगरी में एक वर्ग ऐसा भी है, जो रावण का पुतला जलाने का विरोध करता है और उस दिन रावण की पूजा अर्चना करता है.

ब्राह्मण समाज के सारस्वत गोत्र के लोगों ने रावण के प्रति अपनी आस्था दर्शाने के लिए लंकेश भक्त मंडल का गठन किया है, जो पिछले दो दशक से रावण के पुतले का दहन करने का विरोध करता आ रहा है.

शिव मंदिर में रावण की पूजा
लंकेश भक्त मंडल के संयोजक ओमवीर सारस्वत का कहना है कि संगठन के लोग हर वर्ष दशहरे के मौके पर मथुरा के सदर क्षेत्र में यमुना किनारे स्थित एक शिव मंदिर में रावण की पूजा करते हैं. इस वर्ष भी लंकेश भक्त मंडल के सदस्य रविवार को दोपहर बारह बजे रावण की पूजा करेंगे.

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रावण का पुतला जलाने का विरोध
उन्होंने कहा कि महाराज रावण भगवान महादेव के परम भक्त थे और बहुत ही विद्वान थे, इसीलिए वे लोग उनका नमन करते हैं. प्रकांड विद्वान होने के नाते किसी को भी उनका पुतला दहन नहीं करना चाहिए, इसीलिए वे उनके पुतले जलाए जाने का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा करना किसी भी विद्वान के अनादर के समान है और एक ब्राह्मण के मामले में तो यह 'ब्रह्महत्या' सरीखी है.

मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना अपमान समान
उन्होंने कहा कि वैसे भी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना अपमान करने समान है, जिसकी कानून भी इजाजत नहीं देता. सारस्वत ने कहा कि हमारे संविधान में भी किसी की भी धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना दंडनीय अपराध है, समाज का एक वर्ग दशानन के पुतले दहन कर दूसरे वर्ग की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाता है और इसे रोका जाना चाहिए.

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