नई दिल्ली : कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के दौरान पार्टी के भीतर भारी उथल-पुथल देखने को मिली. पूरे संगठनात्मक फेरबदल की मांग करते हुए लिखे गए एक पत्र पर अभी भी हंगामा जारी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने इस पर कहा कि पार्टी नेतृत्व पर भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए पत्र लिखा जा रहा है और जो लोग राहुल गांधी को यह पद नहीं लेने देना चाहते हैं, वह इस कदम के पीछे हैं.
चाको ने समिति के स्थाई आमंत्रित सदस्य होने के बावजूद सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की.
पत्र के बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए चाको ने कहा, 'मैं उस पत्र की भावना से सहमत हूं, लेकिन कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखना और मीडिया में लीक कर देना बहुत गलत था. यह पार्टी स्तर पर और अधिक भ्रम पैदा करेगा.'
उन्होंने कहा कि पत्र को लिखने से इन समस्याओं का हल खोजने के बजाय केवल समस्याएं पैदा हुई हैं. राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. कुछ लोग हैं जो राहुल गांधी को नहीं लेने देना चाहते हैं. वह इसके पीछे हो सकते हैं.
23 कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें पार्टी के भीतर संगठनात्मक सुधारों और सक्रिय नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया गया था. हालांकि, उस पत्र को वापस ले लिया गया जब सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान राहुल गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की.
कुछ नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह पत्र उन लोगों द्वारा लिखा गया है जिनकी भाजपा से साठगांठ है. जब इस मामले के बारे में पूछा गया, तो चाको ने कहा, 'मुझे इस पर विश्वास नहीं है. लेकिन जब कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए परेशानी पैदा की जाती है तो लाभ जरूर भाजपा को मिल जाता है.'
चाको ने कहा कि मुद्दों को पार्टी के भीतर उठाया जाना चाहिए, बजाय इसके कि कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा जाए और बाद में इसे मीडिया में लीक किया जाए.