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सोनिया ने चाको और चोपड़ा के इस्तीफे स्वीकार किए, गोहिल बने अंतरिम प्रभारी - PC Chacko resigns

PC Chacko resigns
पीसी चाको ने इस्तीफा दिया

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Published : Feb 12, 2020, 12:56 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 2:07 AM IST

21:09 February 12

सोनिया ने चाको और चोपड़ा के इस्तीफे स्वीकार किए

संबंधित जानकारी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी के दिल्ली प्रभारी पद से पीसी चाको और प्रदेश अध्यक्ष पद से सुभाष चोपड़ा के इस्तीफे स्वीकार कर लिए.

पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक सोनिया ने कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का अंतरिम प्रभारी नियुक्त किया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी चाको और चोपड़ा के योगदानों की सराहना करती है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. इससे पहले मंगलवार को नतीजे आने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था.

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप ने 62 सीटें हासिल करके शानदार जीत दर्ज की है. भाजपा को महज आठ सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला.

12:55 February 12

पीसी चाको ने इस्तीफा दिया

पीसी चाको से खास बातचीत

नई दिल्ली : विधानसभा चुनावों में मिली शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस पार्टी में खलबली मची हुई है. 11 फरवरी को चुनाव परिणामों के एलान के दौरान कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको के इस्तीफे की मांग की थी.

ताजा घटनाक्रम में पीसी चाको ने दिल्ली कांग्रेस प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद पीसी चाको ने कहा, 'मैंने यह नहीं कहा कि हम शीला जी के समय में हार गए, इसकी गलत व्याख्या की जा रही है. हम 2013 में हार गए, 2014, 2015 और 2017 में भी. मुझे पता है कि इस मुद्दे के पीछे कौन लोग हैं, मेरे खिलाफ एक जानबूझकर अभियान है, मैंने पहले भी यह देखा है.'

इससे पहले चाको ने बुधवार सुबह कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप भी देखा जा रहा है.

आपको को बता दें कि 15 सालों तक लगातार सत्ता में रहने वाली पार्टी का वोट प्रतिशत गिरकर पांच से भी कम रह गया है. एक समय था, जब शीला दीक्षित के नेतृत्व में पार्टी को 40 फीसदी से भी अधिक वोट मिलते थे.

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2013 विधानसभा चुनाव
कांग्रेस को 24.55 फीसदी वोट हासिल हुआ. विधानसभा में पार्टी को आठ सीटें मिलीं. इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हरा दिया था.

'आप' को इस चुनाव में 29.49 फीसदी वोट हासिल हुआ था. भाजपा को 33.07 फीसदी वोट मिला था और 31 सीटें मिली थीं.

2015 विधानसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुला. लेकिन पार्टी को 9.8 फीसदी वोट मिले. भाजपा को 32.1 फीसदी वोट मिले थे.

Last Updated : Mar 1, 2020, 2:07 AM IST

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