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सुषमा को नमन : प्रवासी भारतीय केंद्र अब दिवंगत विदेश मंत्री को समर्पित - प्रवासी भारतीय केंद्र

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की शुक्रवार को जयंती है. इस अवसर पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर दिवंगत भाजपा नेता के नाम पर करने की घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अमूल्य योगदान के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप यह नामकरण किया जा रहा है. जानें विस्तार से...

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सुषमा स्वराज

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Published : Feb 13, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 5:55 AM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जयंती की पूर्व संध्या पर प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर दिवंगत भाजपा नेता के नाम पर करने की घोषणा की.

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को सूचना साझा करते हुए बताया कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अमूल्य योगदान के रूप में उन्हें श्रद्धांजलिस्वरूप प्रवासी भारतीय केंद्र, दिल्ली का नाम सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान, दिल्ली को सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान के रूप में नामित करने का निर्णय लिया गया है.

प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम अब होगा सुषमा स्वराज भवन

मंत्रालय ने यह भी बताया कि पूर्व विदेश मंत्री की सार्वजनिक सेवा की विरासत और दशकों के सम्मान में 14 फरवरी को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर घोषणा की जा रही है.

प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम अब होगा सुषमा स्वराज भवन.

विदेशी मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने ट्वीट में लिखा, 'खुशी है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र को सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान के रूप में बदलने का फैसला किया है. एक महान सार्वजनिक शख्सियत को उचित श्रद्धांजलि, जो हमें प्रेरित करती रहे.'

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का ट्वीट

एक दूसरे ट्वीट में विदेश मंत्री ने लिखा, 'हम सब श्रीमती सुषमा स्वराज को याद करते हैं, जो कल (14 फरवरी) 68 वर्ष की हो जातीं. विदेश मंत्रालय परिवार विशेष रूप से उनकी कमी महसूस करता है.'

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का ट्वीट

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बता दें कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने एक अलग छवि प्रस्तुत की थी. उन्हें प्रवासी भारतीय ने 'मां' का उपमा दिया था. अपने सेवाकाल के दौरान एक बार सुषमा ने कहा था कि यदि आप मंगल ग्रह पर भी फंस गए हैं तो वहां भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा.

उल्लेखनीय है कि विदेश में बसे भारतीय अगर किसी मुश्किल में होते तो अपने संकटमोचक के तौर पर वह तुरंत सुषमा को याद करते. इस तरह का एक भी वाकया नहीं है, जब पूर्व विदेश मंत्री ने कभी किसी भारतीय को निराश किया हो.

Last Updated : Mar 1, 2020, 5:55 AM IST

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