हैदराबाद : बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यू के बीच फिर से दरार सामने आने लगी है. जदयू के वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने सीधे तौर पर पार्टी के 'बॉस' नीतीश कुमार से 'पंगा' ले लिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. वर्मा भाजपा सरकार की नीतियों के बड़े आलोचकों में शामिल रहे हैं.
पवन वर्मा ने इस बाबत एक ट्वीट किया है. पवन वर्मा ने अपने ट्वीट में नीतीश कुमार को 2012 की याद दिलाई है. उन्होंने कहा कि तब मेरी और आपकी मुलाकात पटना में हुई थी. मैं जेडीयू का हिस्सा नहीं था. मुझे आपने भाजपा और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों से सावधान किया था. आपने ये भी कहा था कि कैसे नरेंद्र मोदी देश के भविष्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
अपने पत्र में वर्मा ने आगे लिखा है कि आपने एक समय आरएसएस मुक्त भारत का नारा दिया था. लेकिन 2017 में आप फिर से भाजपा के साथ आ गए. बावजूद आप ये मानते रहे कि भाजपा की विचारधारा में कोई परिवर्तन नहीं आया है. आपके निजी विचार यही रहे हैं कि भाजपा ने देश के संस्थानों को नुकसान पहुंचाया है.
वर्मा ने कहा है कि नीतीश को अपनी विचारधारा स्पष्ट करनी होगी. उन्होंने लिखा कि उम्मीद करता हूं कि आप अपनी विचारधारा पार्टी की बैठक में स्पष्ट करेंगे.
वर्मा से पहले पीके ने रखी थी ऐसी राय
आपको बता दें कि पवन वर्मा से पहले पार्टी से अलग राय प्रशांत किशोर ने भी रखी थी. पीके ने पार्टी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने पर हैरानी जताई थी. उन्होंने खुलकर इसका विरोध किया था. पीके ने एनआरसी का भी विरोध किया है. हालांकि, नीतीश कुमार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा.
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