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इंदौर में हुआ अंखफोड़वा कांड, मरीजों में मचा हाहाकार - एमपी न्यूज

राष्ट्रीय अंधत्व निवारण शिविर के तहत मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण के चलते करीब 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को सील कर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है. प्रदेश सरकार ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया है. पढ़ें क्या है मामला...

इंदौर आई हॉस्पिटल में संक्रमण के चलते करीब 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई

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Published : Aug 17, 2019, 1:28 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 7:01 AM IST

इंदौर: राष्ट्रीय अंधत्व निवारण शिविर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद संक्रमण के चलते करीब 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई, मामले का खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग ने इंदौर आई हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को सील करने के साथ- साथ हॉस्पिटल का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया है.

वहीं प्रदेश सरकार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पूरे घटनाक्रम के जांच के आदेश और सभी मरीजों के बेहतर उपचार के निर्देश जिला प्रशासन इंदौर को दे दिया हैं.

इंदौर आई हॉस्पिटल में संक्रमण के चलते करीब 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई

ये है पूरा मामला
⦁ 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत धार जिले के 13 मोतियाबिंद के मरीजों को इंदौर आई हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था.
⦁ ऑपरेशन के बाद तीन मरीजों को तो छुट्टी दे दी गई.
⦁ 11 मरीजों को आंखों में धुंधलापन होने के कारण रोक लिया गया था.
⦁ मरीजों की शिकायत के बाद जब उनकी आंखों में दवाई डाली गई, तो दवाई डाले जाने के बाद कुछ मरीजों ने सफेद दिखने की शिकायत की, जबकि कुछ मरीजों ने आंखों में अंधेरा छाने जैसी शिकायत की.
⦁ डॉक्टरों की जांच में पता चला कि ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया है.
⦁ लिहाजा इंफेक्शन के बाद मरीजों की आंखों की रोशनी जाने की आशंका से अब इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल में हड़कंप की स्थिति है.

संक्रमित होने की आशंका के चलते स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित ऑपरेशन थिएटर को सील कर हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है, जिसकी 3 दिन में रिपोर्ट आने के बाद मरीजों का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

गौरतलब है कि इंदौर आई हॉस्पिटल मे साल 2010 में भी यहां ऑपरेशन फेल चुके हैं. तब यहां 18 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. जांच के बाद 24 जनवरी, 2011 को अस्पताल को मोतियाबिंद ऑपरेशन और शिविर के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.

Last Updated : Sep 27, 2019, 7:01 AM IST

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