नई दिल्ली : एक संसदीय पैनल ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को देशव्यापी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अभ्यास शुरू करने से पहले सभी राज्य सरकारों की सहमति लेने को कहा है.
राज्य सभा में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में, गृह मामलों से संबंधित विभाग की स्थायी समिति ने एनपीआर मुद्दे पर राज्यों के बीच आम सहमति बनाने की सिफारिश की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गृहमंत्रालय को 2020-21 में एनपीआर की जनगणना और अपडेशन के लिए आधार मेटाडेटा का उपयोग करना चाहिए और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एनपीआर से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहिए, ताकि देश भर में शेष लोगों में कोई स्पष्टता न हो और कोई आशंका न हो, जो इन अभ्यासों को सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करेगा.
संसदीय पैनल द्वारा दिए गए सुझाव को कई राज्य सरकारों ने स्वागत किया है. सुझाव का स्वागत करते हुए, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के वरिष्ठ नेता अतुल अंजान ने कहा है कि संसदीय पैनल ने सही सुझाव दिया है.
उन्होंने कहा, 'सभी की चिंता को ध्यान में रखा जाना चाहिए. चूंकि कई राज्य पहले ही एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव ला चुके हैं, इसलिए सभी की सहमति लेना केंद्र सरकार की पार्टी के लिए जरूरी था.
अंजान ने कहा, मैंने धारा 370 को निरस्त कर दिया है और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रों में बदल दिया है ... लेकिन विकास कहां हुआ है. कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा है .